
देश इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है. पिछले कुछ दिनों से रिकॉर्ड 2-3 लाख कोरोना केस रोजाना आ रहे हैं. इस बीच दावा किया गया कि कोरोना का पीक अभी आना बाकी है. अगले महीने यानी मई में कोरोना का कहर चरम पर होगा. यही नहीं महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली और यूपी कोरोना के बड़े हॉटस्पॉट होंगे.
केंद्र की ओर से हाईलेवल बैठक में, जिसमें खुद पीएम नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे, कहा गया कि भारी आबादी वाले राज्य 'विशेष जोखिम' में हैं और मौजूदा गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के पास स्वास्थ्य सेवाओं का बुनियादी ढांचा पर्याप्त नहीं है.
केंद्र ने अनुमान लगाया है कि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश में अप्रैल महीने के अंत तक हर दिन 1.9 लाख से अधिक मामले दर्ज हो सकते हैं. मई के मध्य में कोरोना के चरम पर होने की संभावना है. इस दौरान रोजाना 5 लाख के करीब केस आ सकते हैं. हालांकि, जून-जुलाई तक मामले कम हो सकते हैं.
बताया गया कि अप्रैल 30 तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 119,604 केस रोजना आएंगे. इसी दौरान महाराष्ट्र में 99,665 और दिल्ली में 67,134 केस आएंगे. साफ तौर पर उत्तर प्रदेश कोरोना का बड़ा हॉटस्पॉट होगा.
यूपी में ऑक्सीजन के साथ आइसोलेशन बेड की रोजना कमी लगभग 16,752 होगी. जबकि ICU बेड 3061 तक कम होंगे और कम से कम 1538 वेंटिलेटर की आवश्यकता होगी. दिल्ली में भी 16,061 ऑक्सीजन बेड, 2877 आईसीयू बेड और 1450 वेंटिलेटर की रोजना कमी होगी. दिल्ली पहले से ही ऑक्सीजन, बेड्स आदि की किल्लत चल रही है.
इस दौरान यह भी बताया गया कि ऑक्सीजन की उपलब्धता में प्रति दिन 3,300 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है. केंद्र ने कहा है कि अधिक कोरोना केस वाले जिले लॉकडाउन लगा सकते हैं.