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पूजा खेडकर को बड़ी राहत, फर्जी पहचान मामले में गिरफ्तारी से कोर्ट ने लगाई रोक

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फर्जी पहचान मामले में पूजा खेडकर की गिरफ्तारी के लिए उनकी अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.

पूजा खेडकर को कोर्ट से मिली बड़ी राहत. पूजा खेडकर को कोर्ट से मिली बड़ी राहत.
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फर्जी पहचान मामले में पूजा खेडकर की गिरफ्तारी के लिए उनकी अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने मामले में नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगा है. इसपर कोर्ट ने उस तारीख तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट से भी मिली थी राहत

इससे पहले 12 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने खेडकर को गिरफ्तारी से राहत दी थी. खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को दिए गए अपने आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और गलत जानकारी देने का आरोप है. अदालत ने कहा था कि उसकी तत्काल हिरासत आवश्यक नहीं है.

दरअसल, यूपीएससी ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में तर्क दिया है कि धोखाधड़ी की सीमा को उजागर करने के लिए हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना जरूरी है, जिसमें संभावित रूप से कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं. यूपीएससी ने संकेत दिया कि जांच सिर्फ दस्तावेजों पर निर्भर नहीं हो सकती.

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आयोग ने चिंता जताई कि उसकी दावा की गई विकलांगता से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट के साथ भी छेड़छाड़ की गई हो सकती है, जिसके लिए जांच अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर जांच की जरूरत है. यूपीएससी ने इस तरह की धोखाधड़ी वाली कार्रवाइयों की सख्त न्यायिक जांच की जरूरतों पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं की भर्ती प्रक्रियाओं को हेरफेर से बचाया जा सके. हालांकि, कोर्ट ने तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर पर क्या आरोप लगे हैं? 

पूजा खेडकर 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं. उन्हें सिविल सर्विसेज एग्जाम-2022 में 841वीं रैंक मिली थी. जून 2024 से मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में उनकी ट्रेनिंग चल रही थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए यूपीएससी को अपने बारे में गलत जानिकारियां मुहैया करायी थीं. उन पर अपनी उम्र और माता-पिता से जुड़ी गलत जानकारी देने, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेज का एग्जाम देने, फर्जी कास्ट और ​दिव्यांगता सर्टिफिकेट जमा कराने का आरोप है. यूपीएससी ने अपनी आंतरिक जांच में पूजा खेडकर को धोखाधड़ी का दोषी पाया और 31 जुलाई, 202 को उनका चयन रद्द कर दिया.

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