Advertisement

कोवैक्सीन के विकास पर कितना हुआ खर्च? RTI के जवाब में ICMR ने बताया

यह सवाल भी किया गया था कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की विकास लागत का कितना हिस्सा साझा किया था. इसके जवाब में आईसीएमआर ने बताया कि उसे भारत बायोटेक की ओर से किए गए खर्च की जानकारी नहीं है.

वैक्सीन में सबसे महंगी है कोवैक्सीन (प्रतीकात्मक फोटोः भारत बायोटेक) वैक्सीन में सबसे महंगी है कोवैक्सीन (प्रतीकात्मक फोटोः भारत बायोटेक)
अशोक उपाध्याय
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST
  • आईसीएमआर को नहीं पता कितना आया खर्च
  • आईसीएमआर ने किया 35 करोड़ का निवेश

कोरोना वायरस की स्वदेश निर्मित वैक्सीन कोवैक्सीन देश की सबसे महंगी वैक्सीन है. भारत बायोटेक लिमिटेड की इस वैक्सीन की कीमत पिछले महीने सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए 1410 रुपये प्रति डोज तय की थी.

यह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी और बाजार में उपलब्ध दो अन्य टीकों की तुलना में कहीं अधिक है. भारत बायोटेक ने उच्च कीमत को यह कहते हुए उचित ठहराया था कि उसे उत्पाद विकास, विनिर्माण सुविधाओं और क्लीनिकल ट्रायल की लागत वसूल करनी है.

Advertisement

भारत बायोटेक की इस दलील के बाद सवाल यह उठा कि कोवैक्सीन की विकास और निर्माण लागत आखिर क्या है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए इंडिया टुडे ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत आवेदन कर जानकारी मांगी जो कोवैक्सीन विकसित करने में भारत बॉयोटेक के साथ साझीदार था.

हमारा पहला सवाल यही था कि कोवैक्सीन के विकास पर कितनी लागत आई थी? इसका जवाब देते हुए आईसीएमआर ने अपनी ओर से खर्च की गई अनुमानित लागत करीब 35 करोड़ रुपये बताई है.

आईसीएमआर ने कोवैक्सीन के विकास में निवेश की गई राशि के आंकड़े आसानी से साझा किए लेकिन इसपर आई कुल विकास लागत का खुलासा नहीं किया. यह सवाल भी किया गया था कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की विकास लागत का कितना हिस्सा साझा किया था. इसके जवाब में आईसीएमआर ने बताया कि उसे भारत बायोटेक की ओर से किए गए खर्च की जानकारी नहीं है.

Advertisement

आईसीएमआर के जवाब से सवाल यह उठता है कि अगर उसे कुल खर्च का पता ही नहीं तो उसने किस आधार पर परियोजना में 35 करोड़ रुपये का योगदान दिया? हमने ये सवाल भी पूछा कि कोवैक्सीन से होने वाली आय का कितना हिस्सा भारत बायोटेक को मिल रहा और कितना आईसीएमआर को. इसके जवाब में आईसीएमआर ने कहा है कि एमओयू के मुताबिक आईसीएमआर को पांच फीसदी रॉयल्टी का भुगतान किया जाना है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement