
एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, अपने एक बयान को लेकर व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री(CTI) के निशाने पर आ गए हैं. डॉक्टर गुलेरिया ने आशंका जाहिर की थी कि बाजारों में भीड़, सामाजिक दूरी का नियम नहीं मानने और मास्क पहनने में लापरवाही बरतने वालों की वजह से कोरोना की तीसरी लहर अगले 6 से 8 हफ्ते में आ सकती है.
CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की इस तरह की टिप्पणियों से पैनिक फैलता है. एक दो बाजारों की तस्वीरें वायरल होने से पूरे व्यापारिक जगत को टारगेट करना ठीक नहीं है. राजनीतिक रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ पर कोई बयान नहीं देता.
सीटीआई की ओर से कहा गया कि दिल्ली में करीब 950 छोटे-बड़े बाजार हैं, जिनमें 50 बाजारों में भी भीड़ नहीं दिखाई देगी. कोविड की वजह से अभी बिजनेस नहीं है, लोगों के पास पैसों की कमी है. शादी-विवाह लगभग बंद हैं. कोई बड़ा फेस्टिवल भी नजदीक नहीं है. कारोबारियों की हालत खराब है. बाजारों को ही हमेशा सॉफ्ट टारगेट बनाया जाता है. बाजार और व्यापारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं.
क्या वैक्सीन के कवच को भेद सकता है कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट: दिन भर, 22 जून
बाजार में भीड़ के लिए व्यापारी नहीं जिम्मेदार!
बृजेश गोयल ने कहा कि बाजार में भीड़ के लिए जिम्मेदार व्यापारी नहीं हैं. व्यापारी अपनी दुकान, दफ्तर और गोदाम के भीतर कोविड गाइडलाइंस को सुनिश्चित कर सकते हैं. बाजारों में, बाहर सड़क पर और सार्वजनिक जगहों में पुलिस और प्रशासन को मेहनत करनी होगी.
उन्होंने कहा कि जिस किसी बाजार में भीड़ दिखती है, तो प्रशासन को संबंधित मार्केट एसोसिएशंस के साथ मीटिंग कर हालात सुधारने पर काम करना चाहिए. कुछ एक मार्केट की संकरी गलियों में दिखने वाले थोड़े लोग भी भीड़ जैसे दिखते हैं.
सीटीआई का कहना है कि अभी बहुत सारे सेक्टर जैसे- जिम, बैंक्वेट, सिनेमा हॉल, ऑडिटोरियम, बैंड, टूर एंड ट्रैवल बंद हैं. तीसरी लहर संबंधी बयानों से खौफ फैलता है. मौजूदा दौर में व्यापार और कोरोना से जंग दोनों साथ-साथ चल रहा है. सभी को वैक्सीन लगे, तभी इस महामारी से बच सकते हैं.