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दो साल से भी अधिक समय तक चला कोरोना का कोहराम लोग अभी तक भूले भी नहीं हैं लेकिन भारत में एक बार फिर से केस में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अमूमन पूरे भारत में रोजाना 100-200 तक रहने वाले ये केस 3-4 हजार रोजाना पहुंच गए हैं. माना जा रहा है कि जनवरी 2022 में तीसरी लहर के बाद ये कोविड केस की सबसे तेज लहर है. एक्सपर्ट मानते हैं कि कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी यूं तो सामान्य से कुछ ही ज्यादा है लेकिन ये ट्रेंड चिंताजनक है.
सवाल है कि वैक्सीनेशन के बाद भी भारत में कोरोना के केस क्यों बढ़ते ही जा रहे हैं. विशेषज्ञों ने इसके कुछ कारण गिनाए हैं.
सभी को नहीं लग पाया बूस्टर डोज
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन भले ही सफल रहा हो, लेकिन जब बूस्टर डोज की बात आई तो भारत की अच्छी खासी आबादी तीसरा यानी कि बूस्टर डोज नहीं लगवाया. इसका मतलब यह है कि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है उनके जरिये कोरोना वायरस अभी भी संक्रमण फैला सकता है.
नए-नए वैरिएंट
वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना का नया वैरिएंट लगातार सामने आ रहा है. हर कुछ महीने में हमें नया वैरिएंट देखने को मिलता है. इसका मतलब यह है कि नए वैरिएंट के जरिये वायरस अभी भी फैल सकता है. ये नए वैरिएंट पुराने वैरिएंट के मुकाबले तेजी से फैलते हैं और वैक्सीन की शक्ति से लड़ने की इनकी ताकत पहले से ज्यादा है. इसका अर्थ यह है कि नया वैरिएंट अभी भी लोगों को शिकार बना सकता है.
हाल ही में सामने आ रहे कोरोना का वैरिएंट BB.1.16 है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल लीड डॉ मारिया वैन केरखोव ने कहा कि BB.1.16 वैरिएंट BB.1.5 जैसा ही है लेकिन इसके स्पाइक प्रोटीन में कुछ बदलाव देखा जा रहा है.
कोरोना प्रतिबंधों में ढील
जैसे जैसे कोरोना का असर कम हुआ है. सरकार की ओर से प्रतिबंधों में भी ढील दिया जाने लगा है. भारत के कई राज्य कोरोना से जुड़े प्रतिबंध खत्म कर चुके हैं. लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया है. लोगों की आवाजाही ज्यादा हो रही है, मेल-जोल धडल्ले और बेधड़क हो रहे हैं. इसकी वजह से भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं.
वैक्सीन 100% गारंटी नहीं
वैक्सीन संक्रमण की संभावना को जरूर कम करता है लेकिन 100 फीसदी सुरक्षा इससे भी नहीं है. वैक्सीन लिए हुए कुछ लोगों को भी कोरोना शिकार बना सकता है. ऐसे केस को ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन कहते हैं. ये केस माइल्ड होते हैं, और इसके लक्षण दिखते नहीं हैं, लेकिन कुछ मामलों में ऐसे केस खतरनाक और गंभीर हो सकते हैं.
कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होगा?
कोविड की ताजा लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा? इस बारे में उजाला सिग्नस ग्रुप की फाउंडर डायरेक्टर डॉ सुचिन बजाज कहते हैं कि निश्चित रूप से कुछ कहना मुश्किल है. हालांकि, जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, खासकर वैसे लोग जो बुजुर्ग हैं, या किसी बीमारी से जूझ रहे हैं उनके लिए मौत का जोखिम ज्यादा है.
कोविड एक्सपर्ट डॉ रघुविंदर पराशर ने कहा कि कोरोना केस का इजाफा मौसमी है और हाल का संक्रमण जानलेवा नहीं है और इसका असर सामान्य फ्लू जैसा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल लीड डॉ मारिया वैन केरखोव ने कहा कि हाल ही में 22 देशों से ओमिक्रॉन वैरिएंट XBB.1.16 के 800 सीक्वेंस देखने को मिले हैं. इनमे से ज्यादा ज्यादा सीक्वेंस भारत से हैं और भारत में पहले जो वैरिएंट थे उसे BB.1.16 ने रिप्लेस कर दिया है.
दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 18.59%
3 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 18.59% पहुंच गया था. यहां पर मात्र 1581 टेस्ट में 293 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे. दिल्ली में कोरोना से 2 मौतें भी दर्ज की गई थी. वहीं देशभर की बात करें तो भारत में कोरोना के 3038 केस दर्ज किए गए. इसके साथ ही देश में कोरोना का एक्टिव केस 21,179 पहुंच गया.
हालांकि देश में कोरोना से रिकवरी रेट 98.76% है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार देश में अबतक 220.66 करोड़ कोरोना डोज लोगों को दिये जा चुके हैं.