
बीते दो सालों में सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के तीन सदस्यों की दण्डकारण्य/बस्तर में मौत हुई है. रमन्ना, हरीभूषण और अब सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के शीर्ष नेता अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की गंभीर बीमारी के बाद मौत हो गई है. यह लेफ्ट विंग के चरमपंथियों के लिए बड़ा झटका है.
अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की मौत दक्षिण बस्तर के घने जंगलों में हुई है. वह बीजापुर में अंडरग्राउंड था. एनआईटी वारंगल से बीटेक ग्रैजुएट आरके ने 70 केे दशक के अंडरग्राउंड था जब उसने पीडब्ल्यूजी ज्वाइन की थी. साल 2004 में आरके ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए नल्लामाला जंगल से नक्सल टीम का नेतृत्व किया था. हालांकि यह वार्ता विफल रही थी.
आंध्र प्रदेश के गुंटुर के रहने वाले आरके के सिर पर एक करोड़ का इनाम था. उसकी तलाश आंध्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा पुलिस और NIA को थी. वह प्रतिबंधित आंध्र ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोन कमेटी (AOBSZC) का मुख्य सलाहकार था. मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से होने के चलते वह हथियार, आईईडी बनाने में एक्सपर्ट था और पार्टी में काफी लोकप्रियता कमा ली थी.
साल 2018 में एक एनकाउंटर में उसके बीवी बच्चे समेत 24 लोगों की मौत हो गई थी जबकि वह खुद भागने में सफल रहा था. एओबी के कट ऑफ एरिया में वह साकेत के नाम से जाना जाता था. आरके के भाई श्याम और सुब्बा राव दोनों हैदराबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें आरके की मौत के बारे में मीडिया और तेलंगाना पुलिस के जरिए पता चला. पुलिस ने उसने परिवार के बारे में जानकारी ली.
माओवादियों ने भी आरके की मौत की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि किडनी फेल होने के चलते उसकी मौत हो गई. 14 अक्टूबर की शाम 6 बजे उसकी मौत हुई. वह डायलसिस पर था. सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने एक बयान भी जारी किया. आरके का जन्म 1958 में हुआ था. वह एक हेडमास्टर का बेटा था. साल 1978 में उसने पीप्लस वॉज ग्रुप ज्वाइन किया. साल 1992 में उसे स्टेट कमेटी मेंबर बनाया गया और 2018 में CPI (Maoist) के सेंट्रल कमेटी पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया.