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'वायनाड से राहुल लेफ्ट को स्वीकार नहीं, CPIM ने ललकारा-जहां बीजेपी मजबूत हैं वहां लड़ें

एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारा झटका लगने के एक दिन बाद सीपीआई (एम) के केरल राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि राहुल को ऐसी जगह से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां बीजेपी का कोई प्रभाव हो. केरल में बीजेपी मजबूत पार्टी नहीं है.  

राहुल गांधी (फाइल फोटो) राहुल गांधी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 05 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

केरल की सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वाम शासित राज्य से लोकसभा चुनाव लड़ने के कदम की आलोचना की है. सीपीआई (एम) का कहना है कि राहुल को राज्य स्तरीय प्रतिद्वंद्विता में फंसने के बजाय भाजपा की 'फासीवादी नीतियों' से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारा झटका लगने के एक दिन बाद सीपीआई (एम) के केरल राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि राहुल को ऐसी जगह से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां बीजेपी का कोई प्रभाव हो. केरल में बीजेपी मजबूत पार्टी नहीं है.  

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गोविंदन ने कहा, विपक्षी दलों ने बीजेपी का मुकाबला करने के लिए 'INDIA' का गठन किया है, गठबंधन के पास एक अच्छा मौका होगा, अगर वह भाजपा के खिलाफ मतदान करने वाले लोगों को एकजुट कर लेती है. उन्होंने पूछा, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भाजपा के फासीवाद के खिलाफ लड़ने के लिए एक व्यापक मंच बनाया है. क्या उन्हें केरल जैसे राज्य में भाजपा को हराने के लिए चुनाव लड़ना चाहिए या फिर ऐसे क्षेत्र में जहां बीजेपी का प्रभाव है? 
 
गोविंदन ने कहा, यह कांग्रेस पार्टी को तय करना है कि गांधी को केरल से चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा, माकपा को यहां चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं है. सामान्य शालीनता वाला कोई भी नेता जानता है कि यह मुकाबला करने की जगह नहीं है. गोविंदन ने कहा, पहली यूपीए सरकार के दौरान, बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए सीपीआई (एम) ने कांग्रेस का समर्थन किया था. यही हमारी राजनीति है. 
 
तीन राज्यों में विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने से इनकार करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए वामपंथी नेता ने कहा कि अगर भाजपा विरोधी वोट एकजुट हो गए होते, तो देश का राजनीतिक परिदृश्य बदल गया होता. उन्होंने कहा, तीनों राज्यों में जहां बीजेपी सत्ता में आई, उसे 50 फीसदी वोट भी नहीं मिले. पिछले संसद चुनाव में बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर केवल 37 फीसदी वोट मिले. इसका मतलब है कि 63 फीसदी आबादी बीजेपी विरोधी है. 

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गोविंदन ने कहा कि कांग्रेस में न तो भारत गठबंधन का नेतृत्व करने की क्षमता है और न ही अकेले बीजेपी से मुकाबला करने की क्षमता है. केरल में कांग्रेस के बारे में सोचो. क्या लीग (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) के बिना, राहुल गांधी वायनाड में चुनाव लड़ सकते हैं? मुस्लिम लीग यहां यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) की रीढ़ है. तमिलनाडु और अन्य राज्यों में भी यही स्थिति है. 

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