
हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की लगातार हार के बाद शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक हुई. बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी को विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा राज्य स्तर के मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा और ‘मूड’ को ‘जीत’ में बदलना सीखना होगा. वहीं पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अलग-अलग तरह से इस दौरान अपनी बात रखी. उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने तो पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के बोझ को कम करने का तक आग्रह कर दिया.
CWC की मीटिंग के दौरान संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल चर्चा में रहे. उनकी बढ़ती जिम्मेदारियों और काम के बोझ पर कुछ नेताओं ने चिंता भी जताई. उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि हालांकि वेणुगोपाल बहुत मेहनत और कठिन परिश्रम कर रहे हैं लेकिन उनपर काम का बहुत बोझ है. और वे एक साथ कई चीजें संभाल रहे हैं. हरीश रावत ने कहा कि के सी वेणुगोपाल की कुछ जिम्मेदारियों को दूसरे नेताओं के बीच भी बांटा जाना चाहिए.
वेणुगोपाल पर बहुत ज्यादा बोझ!
बता दें कि वेणुगोपाल राहुल-सोनिया के अलावा खड़गे के भी करीबी हैं. और वे संगठन के कई विभागों की जिम्मेदारी संभालते हैं. चर्चा के दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केसी वेणुगोपाल कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उनके ऊपर बहुत अधिक ‘बोझ’ है. उन्होंने कहा कि वेणुगोपाल के पास बहुत सारी चीजें हैं और उनमें से कुछ जिम्मेदारी अन्य नेताओं के बीच बांट देनी चाहिए.
हाल के चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है. ये नतीजे हमारे लिए संदेश है. उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव में उत्साह भरे नतीजों को हासिल करने के बाद विधानसभा के चुनावों में हमें धक्का लगा है, इसीलिए हमें कठोर निर्णय लेने होंगे.
सख्ती से कार्रवाई करें- राहुल
पार्टी के नेताओं की आपसी लड़ाई पर सवाल उठाते हुए खड़गे ने कहा, ' मैं बार-बार कहता हूं कि आपसी एकता की कमी और एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है. जब तक हम एक हो कर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे? नेता आपस में ही लड़ रहे हैं, यह सब बंद होना चाहिए.' इस बयान पर राहुल गांधी ने कहा कि 'खड़गे जी सख्ती से कार्रवाई करें'.
बड़े नेताओं तक पहुंच का मुद्दा
बैठक के दौरान कुछ वरिष्ठ नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया. वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद बहाल होना चाहिए. ताकि कार्यकर्ता सीधे उनसे मिल सकें.
संगठन में बदलाव
खड़गे ने संकेत दिया कि पार्टी में ऊपर से नीचे तक बड़े बदलाव किए जाएंगे. कुछ नेताओं ने खराब संगठन ढांचे पर निशाना साधते हुए कहा कि कई राज्यों में संगठन नहीं है. उन्होंने कहा, 'कई राज्यों में हमारा संगठन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. संगठन का मजबूत होना हमारी सबसे बड़ी जरूरत है. हमें अपने संगठन को Booth Level तक मजबूत करना होगा. हमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वोट की गिनती तक रात दिन सजग, सचेत और सावधान रहना होगा.'
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इससे पहले खड़गे ने कहा, 'हम Strictly अनुशासन का पालन करें. हर हालत में united रहना है. पार्टी के पास अनुशासन का भी हथियार है. लेकिन हम नहीं चाहते कि अपने साथियों को किसी बंधन में डालें. इसलिए सबको ये सोचने की दरकार है कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है. पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत है.'