साहेब भूनिया ने बताया कि उनके साथी राकेश तैर नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्हें बचाया नहीं जा सका. लेकिन जैसे ही मुझे लाइफ राफ्ट मिली, मैं वहां पहुंच गया. साहेब ने बताया कि उन्हें बोट के चीफ इंजीनियर भी दिखे, तब उन्हें भी तुरंत साथ ले लिया.
तूफान के बीच बोट पर बनाए गए वीडियो के बारे में साहेब भूनिया ने बताया कि बोट के डूबने से पहले ही उन्होंने वीडियो बनाया था. हमने अपने क्रू को बचाने की कोशिश की, उन्हें मोटिवेट किया. लेकिन कई लोग इतनी दूरी तक तैर नहीं पाए. कुछ देर बाद हमने आईएनएस कोलकाता को रेस्क्यू के लिए देखा और वहां तक पहुंच पाए.
साहेब ने बताया कि उनके साथ जो बाकी क्रू मेंबर्स थे, उनके परिजनों का फोन आ रहा है लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं है. उन्होंने बताया कि शिप के कैप्टन को JNPT पोर्ट में घुसने की इजाजत नहीं मिली थी. समुद्र में पहला नियम जान बचाने का और फिर नियमों का पालन करने का है, लेकिन वैसा हमारे साथ नहीं हो सका था.