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दर्शन सिंह धालीवाल को कभी देश में घुसने नहीं दिया था, अब प्रवासी भारतीय सम्मान देगी सरकार

साल 2020-21 के किसान आंदोलन के समर्थक दर्शन सिंह धालीवाल को इस साल प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा जाएगा. दर्शन सिंह धालीवाल को ये सम्मान इंदौर में होने जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दिया जाएगा. विदेश मंत्रालय में प्रवासी मामलों के सचिव डॉक्टर औसाफ सईद ने ये जानकारी दी है.

विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:58 AM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन होना है. प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार के साथ ही मध्य प्रदेश का प्रशासनिक अमला जोरशोर से जुटा है. विदेश मंत्रालय भी तैयारियों पर करीबी नजर रखे हुए हैं. विदेश मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई है कि किसे-किसे इस बार के प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा जाएगा.

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विदेश मंत्रालय के काउंसलर, पासपोर्ट और वीजा के साथ ही प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव डॉक्टर औसाफ सईद ने गुरुवार को ये जानकारी दी. डॉक्टर औसाफ सईद के मुताबिक प्रवासी भारतीय दिवस पर 27 सम्मान दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में दो कैरेबियाई नेता भी शिरकत करेंगे. विदेश मंत्रालय के सचिव ने बताया कि जो दो कैरेबियाई नेता इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे उनमें एक सूरीनाम और एक गुयाना के हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय मूल के अमेरिकी अरबपति दर्शन सिंह धालीवाल को प्रवासी भारतीय सम्मान दिया जाएगा. दर्शन सिंह धालीवाल को अवॉर्ड दिए जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय में प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव ने कहा कि ये अवॉर्ड्स एक निश्चित मानदंड के आधार पर दिए जाते हैं. उन्होंने साफ कहा कि दर्शन सिंह धालीवाल के मामले में भी उन्हीं मानदंडों को अपनाया गया.

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डॉक्टर औसाफ सईद ने कहा कि दर्शन सिंह धालीवाल को सम्मान दिए जाने के मामले में कुछ भी अलग नहीं देखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि प्रवासी भारतीय सम्मान जिन प्रवासी भारतीयों को दिया जाना है, उस लिस्ट में दर्शन सिंह धालीवाल का नाम चौंकाने वाला है. सरकार ने दर्शन सिंह धालीवाल के भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी थी.

मूल रूप से पंजाब के पटियाला के निवासी दर्शन सिंह धालीवाल ने 2020-21 के किसान आंदोलन का समर्थन किया था. दर्शन सिंह धालीवाल ने किसान आंदोलन के दौरान लंगर भी लगवाया था. वे हर तीन महीने पर आते थे और सीधे आंदोलन कर रहे किसानों के बीच पहुंच जाते थे. सरकार ने एक बार उनको सभी यात्रा दस्तावेज पूरे होने के बावजूद दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब पांच घंटे तक इंतजार कराया था.

दर्शन सिंह धालीवाल को तब दिल्ली एयरपोर्ट पर घंटों इंतजार कराने के बाद भी बाहर नहीं निकलने दिया गया था. दर्शन सिंह धालीवाल को शिकागो की फ्लाइट से वापस भेज दिया गया था. इसके बाद उनको एक पारिवारिक कार्यक्रम में भी आने की अनुमति सरकार की ओर से नहीं मिल सकी थी. अब दर्शन सिंह धालीवाल को सरकार प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजने जा रही है.

 

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