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RSS महासचिव होसबाले ने महंगाई पर जताई चिंता, बोले-खाना, कपड़ा और मकान सस्ता चाहते हैं लोग

महंगाई और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने सरकार से रोटी, कपड़ा और मकान की कीमतें कम करने को कहा. उन्होंने कहा कि ये सभी बुनियादी जरूरतें हैं. लोग चाहते हैं कि भोजन, कपड़ा और घर की कीमतें कम हों. होसबाले ने अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी की ओर से दिए गए एक प्रेजेंटेशन का जिक्र किया.

दत्तात्रेय होसबाले-फाइल फोटो दत्तात्रेय होसबाले-फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST
  • महंगाई पर विपक्ष उठा रहा सवाल
  • किसानों पर जताया गर्व

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कहा कि महंगाई और खाद्य पदार्थों की कीमतों के बीच संबंध पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, लोग चाहते हैं कि भोजन, कपड़ा और घर की कीमतें कम हों, क्योंकि ये सभी बुनियादी जरूरतें हैं.

किसानों पर न पड़े भार
होसबाले ने कृषि में स्वावलंबी बनाने के लिए अब तक की सभी सरकारों को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि जरूरी वस्तुएं सभी को सस्ती कीमत पर मिलनी चाहिए, इसका भार किसानों पर नहीं डाला जाना चाहिए. वह आरएसएस से संबद्ध भारतीय किसान संघ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि आर्थिक अनुसंधान केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे.

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महंगाई पर विपक्ष उठा रहा सवाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्ष खाने के सामान की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है.  महंगाई और खाद्य कीमतों के बीच संबंध पर अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी की ओर से दिए गए एक प्रेजेंटेशन का जिक्र करते हुए होसबाले ने कहा, महंगाई और खाद्य कीमतों के बीच संबंध के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

होसबाले ने कहा, प्रेजेंटेशन में यह सुझाव दिया गया था कि लोग औद्योगिक उत्पादों के लिए अधिक पेमेंट करने के लिए तैयार हैं, लेकिन खाद्य पदार्थों के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां इस संबंध में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं.

75 वर्षों में कृषि में विकास पर गर्व
कृषि क्षेत्र में विकास के बारे में बात करते हुए होसबाले ने कहा, पिछले 75 वर्षों में कृषि में विकास हम सभी के लिए गर्व की बात है. भारत खाद्यान्न में निर्यातक देश बन गया. उन्होंने कहा, भारत न केवल अनाज के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है, बल्कि दूसरे देशों को भी भेज सकता है और इसका श्रेय आज तक की सभी सरकारों, वैज्ञानिकों और किसानों को जाता है.

 

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