
ब्रिटिश पत्रकार डेविड एटनबरो को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें एक वर्चुअल कार्यक्रम में इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया. इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं.
बता दें कि डेविड एटनबरो रिचर्ड एटनबरो के भाई हैं. रिचर्ड एटनबरो ने ही दुनिया में चर्चित बापू के संघर्षों पर आधारित फिल्म 'गांधी' बनाई थी.
इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने डेविड एटनबरो के काम की प्रशंसा की. सोनिया ने कहा कि डेविड एटनबरो पर्यावरण को लेकर पिछली आधी सदी में मानवीय चेतना को सजग रखने वाले शख्सियत रहे हैं.
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि डेविड ने पर्यावरण संरक्षण में सृजनात्मक काम किया है, उन्होंने पर्यावरण और प्रकृति पर अपनी शानदार फिल्मों, किताबों से मानवता को इस मूल्य को बताया है. हाल ही में वह हमें चेतावनी देते रहे हैं कि पर्यावरण के विनाश के लिए सबसे ज्यादा हम जिम्मेदार हैं.
डेविड से बेहतर कोई नाम नहीं था
सोनिया ने कहा कि आज के जमाने जब पर्यावरण सुरक्षा एक अहम मुद्दा हो गया है, जब जलवायु में बदलाव और जैव विविधता में लगातार गिरावट की वजह से हमारी जीविका, लोक स्वास्थ्य और पृथ्वी पर जीवन खतरे में दिख रहा है तो उस दौरान इंदिरा गांधी के नाम पर इस पुरस्कार के लिए डेविड से बेहतर पसंद कोई और नहीं हो सकता था.
पुरस्कार को ग्रहण करते हुए ब्रिटिश पत्रकार डेविड एटनबरो ने कहा कि हमें राष्ट्रवादी से अतंरराष्ट्रीय में तब्दील होने की जरूरत है.
पर्यावरण के मुद्दों को लेकर संवेदनशील थीं इंदिरा
कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पर्यावरण संरक्षण के लिए किए कार्यों का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि राजनीतिक परिवार में पैदा होने के बावजूद इंदिरा पर्यावरण के मुद्दों को लेकर संवेदनशील थीं, उन्होंने कहा कि वे एक विकासशील देश के लिए विकास की जरूरत को समझने वाली नेता होने के साथ पर्यावरण संरक्षण की चैम्पियन थीं.
प्रणब मुखर्जी ने किया था चयन
इस पुरस्कार के लिए डेविड एटनबरों का चयन पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने किया था. ये पुरस्कार शांति, निरस्त्रीकरण, पर्यावरण और सतत विकास के क्षेत्र में काम करने वाली हस्तियों को दिया जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना 1986 में की गई थी. इस पुरस्कार के तहत 25 लाख रुपये की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.