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जानलेवा सिरप: पहले भी खराब क्वालिटी की दवा सप्लाई कर चुकी है मेडेन फार्मा

मेडेन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चर्चाओं में है, लेकिन यह पहली बार चर्चा में नहीं आई है. इससे पहले भी यह कंपनी निम्न स्तर की दवा बनाने के चलते दागदार रही है.

Maiden syrup Maiden syrup
पवन राठी
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST

अफ्रीकी देश गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद सोनीपत में कफ सिरप बनाने वाली मेडेन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चर्चाओं में है, लेकिन यह पहली बार चर्चा में नहीं आई है. इससे पहले भी यह कंपनी निम्न स्तर की दवा बनाने के चलते दागदार रही है. वियतनाम सरकार ने जहां निम्न स्तर की दवाओं की आपूर्ति के लिए कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था. वहीं सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) नार्थ जोन, गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर कंपनी के खिलाफ सोनीपत कोर्ट में पहले भी मामला विचाराधीन है. 
  
सीडीएससीओ के ड्रग इंस्पेक्टर ने वर्ष 2017 में सोनीपत कोर्ट में वियतनाम को निम्न स्तर की दवाओं की आपूर्ति के लिए मेडेन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ शिकायत दी थी. आरोप था कि रैनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट (मैंटक-150) का एक नमूना फेल हो गया था. कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स, उसके निदेशक नरेश कुमार गोयल और उसके तकनीकी निदेशक सोनीपत कोर्ट में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है. 

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सीडीएससीओ के ड्रग इंस्पेक्टर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सोनीपत की अदालत में दायर अपनी शिकायत में कहा है कि उन्होंने राज्य ड्रग कंट्रोल अथारिटी के ड्रग कंट्रोल अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से इस मामले की जांच के लिए 13 मार्च 2014 को मेडेन फार्मास्युटिकल परिसर का दौरा किया था. भारत से वियतनाम निर्यात किए गए चिकित्सा उत्पादों का निर्माण कंपनी द्वारा किया गया है.

उन्होंने रैनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट बीपी (मैंटक-150) का नमूना लिया था. जिस पर निर्माण की तिथि अप्रैल 2013 थी और अवसान तिथि मार्च 2016 का उल्लेख कंपनी के तत्कालीन तकनीकी निदेशक एमके शर्मा की उपस्थिति में किया गया था. नमूना 18 मार्च 2014 को विश्लेषण के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला चंडीगढ़ भेजा गया था. प्रयोगशाला की रिपोर्ट में नमूना अधोमानक गुणवत्ता का पाया गया था. उसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने एक सितंबर 2014 को ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

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 उसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स के निदेशक नरेश कुमार गोयल और कंपनी के तकनीकी निदेशक एमके शर्मा के खिलाफ शिकायत दी थी. वर्ष 2017 से ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 के तहत मामले की सुनवाई हो रही है. इस मामले में अब सुनवाई की अगली तारीख 28 अक्टूबर की है.

 

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