
गुजरात में पहले फेज का इलेक्शन कल निपट गया. सीएम भूपेंद्र पटेल और उनके कई मंत्रियों की क़िस्मत ईवीएम में क़ैद हो गई है. लेकिन गुजरात का चुनावी समर अभी शेष है. इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने दूसरे और आखिरी फेज के चुनाव के लिए दम झोंका हुआ है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल अहमदाबाद में पंजाब के सीएम भगवंत मान और पूर्व क्रिकेटर और पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह के साथ एक बड़ा रोड शो किया. लेकिन शाम होते ही अहमदाबाद की सड़कें बीजेपी समर्थकों और कार्यकर्ताओं की भीड़ से पट गईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 घंटे में क़रीब 50 किलोमीटर लंबा रोड शो किया. नरोदा गाम से शुरू हुआ ये रोड शो 16 विधानसभा सीटों से होते हुए गांधीनगर दक्षिण में जाकर समाप्त हुआ. बीजेपी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी का ये रोड शो किसी नेता द्वारा गुजरात में निकाला गया सबसे लंबा रोड शो है. प्रधानमंत्री की एक झलक पाने को लोग बेताब दिखे और उनके काफ़िले के दोनों तरफ सड़क पर भारी भीड़ नज़र आई. अगर आपको याद होगा तो कुछ ऐसा ही नज़ारा पिछले यूपी चुनाव में वाराणसी में भी दिखा था. तो विशाल रोड शो के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति नज़र आती है और दूसरे फेज में सेंट्रल और नॉर्थ गुजरात में क्या चुनौतियां हैं बीजेपी के सामने? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
चुनावी चकाचौंध के बीच कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जो बस ख़बर बन कर रह जाते हैं. नज़रों के सामने आते हैं, मन में एक टीस जगाते हैं, फिर भुला दिए जाते हैं. कोई बीस-इक्कीस दिन पहले की बात है, बिहार के नवादा से एक दर्दनाक घटना सामने आई थी. जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों ने जहर खाकर अपनी जान दे दी. फिर सिवान में एक शख़्स ने अपनी दो बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली. थोड़ा और पीछे जाएं तो समस्तीपुर में एक ही परिवार के 5 लोगों ने अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर डाली. वहीं कुछ लोग अचानक से ग़ायब हो गए और उनका कोई अता-पता नहीं मिला. इन सब घटनाओं के पीछे जो वजह थी, वो एक ही थी - क़र्ज़. तो बिहार में कर्ज की वजह से सामूहिक खुदकुशी की घटनाएं बढ़ी हैं. ह्यूमन लिबर्टी नेटवर्क और एक्शन ऐड नामक दो NGOs की स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है. मौत को गले लगाने वाले ये लोग किस बैकग्राउंड के हैं और इसे लेकर सरकार या प्रशासन के लेवल पर क्या हो रहा है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
----------------------------------
क़तर में फुटबॉल वर्ल्ड को लेकर फैन्स का एक्साइटमेन्ट सातवें आसमान पर है. चार-चार टीमों के 8 ग्रुप बनाये गए हैं. हर ग्रुप में टीमों को आपस में 3-3 मैच खेलना था और टॉप 2 टीमें अगले राउंड के लिए क्वालीफाई करेंगी. जिसे प्री-क्वॉर्टर फाइनल राउंड कहा जा रहा है. इस टूर्नामेंट की शुरुआत में ही UAE की टीम ने अर्जेंटीना को हराकर सबको चौंका दिया था. तब से अब तक काफी उलटफ़ेर हो चुके हैं इस वर्ल्ड कप में. मेन्स फुटबॉल रैंकिंग में दूसरे नंबर की टीम बेल्जियम कल रात ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई. इससे एक दिन पहले ट्यूनिशिया ने फ़्रांस को हरा दिया. कुल मिलाकर मामला काफी रोमांचक है उधर. तो प्री-क्वॉर्टर फाइनल की क्या तस्वीर है, जो टीमें क्वालिफाई कर गई हैं क्या उनमें कुछ चौंकाने वाले नाम हैं, किन टीमों ने रेपुटेशन के हिसाब से नहीं खेला है और किस टीम ने क्षमता से ज़्यादा परफॉर्म किया है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.