
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद इस मुल्क के दुनिया कई देशों के साथ संबंध अब पहले जैसे नहीं रहे. अफगानिस्तान में भारत सरकार ने भी काफी निवेश किया है. तालिबान के हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता आने के बाद सवाल यह है कि क्या भारत अब भी अफगानिस्तान में निवेश जारी रखेगा. इस सवाल का जवाब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिया है.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अफगानिस्तान में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारत के निवेश को लेकर अंतिम फैसला वहां की स्थिति पर विचार विमर्श के बाद पीएम मोदी व विदेश मंत्री करेंगे. गडकरी ने बताया कि अफगानिस्तान में भारत ने कई प्रोजेक्ट बनाए हैं और कई प्रोजेक्ट अब भी पूरे किए जाने बाकी हैं.
बता दें कि बीते महीने अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था और वहां कि तत्कालीन पश्चिम समर्थित अशरफ गनी की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था.
अफगानिस्तान में भारत के निवेश के सवाल पर जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हमने डैम (सलमा डैम) बनाया है. हमने जल संसाधन के क्षेत्र में काम किया है. पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर इस बारे में फैसला लेंगे कि भारत अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करेगा या नहीं.
बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान में विभिन्न बुनियादी ढांचा और सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं में तीन अरब डॉलर का निवेश किया है. इससे पहले शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा था कि वैश्विक समुदाय को अफगानिस्तान में नए शासन को मान्यता देने पर सामूहिक रूप से और सोच-समझकर निर्णय लेना होगा.