
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उद्योग में 'आत्मनिर्भर भारत' पर आयोजित वेबिनार में कहा कि हम बेहतर तरीके से दुनिया को योगदान देने के लिए आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. इस दिशा में, रक्षा नीति में कुछ सुधार किए गए हैं जैसे कि 101 रक्षा वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि अपने सहयोगी और सहकारी प्रयासों के माध्यम से, हम न केवल 'मेक इन इंडिया' का लक्ष्य हासिल करेंगे बल्कि 'मेक फॉर वर्ल्ड' भी बनेंगे. उन्होंने कहा कि घरेलू विक्रेताओं से खरीद के लिए रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा आवंटित किया गया है.
इससे पहले फिक्की (FICCI) द्वारा आयोजित समारोह में सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि भारत आज कई चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहा है. COVID-19 के लिए हमारी सामूहिक प्रतिक्रिया ने ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना को दूर करने की हमारी क्षमता को मजबूती से स्थापित किया है.
उन्होंने कहा कि हमारे पास उच्च-क्षमता वाले स्वदेशी हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने की योग्यता, क्षमता और इच्छाशक्ति है. सरकार की ओर से सही दिशा में पुश करने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ, आत्म-दक्षता हासिल करने और रक्षा उपकरणों के शुद्ध निर्यातक बनने का यह अवसर देखने का समय है. रक्षा क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं.
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बिपिन रावत ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में नकारात्मक आयात सूची (निगेटिव इंपोर्ट लिस्ट) तैयार करने से लेकर 74% एफडीआई तक सभी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि DRDO के साथ नवाचार (innovation), अनुसंधान और विकास को लेकर साझेदारी की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि हम समयबद्ध रक्षा खरीद, आरएंडडी, मौजूदा फर्मों को बढ़ावा देने और उद्योग को हमारी भविष्य की जरुरतों के आधार पर स्पष्ट तस्वीर दे रहे हैं.