
नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 89 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. दिल्ली के बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर किसान बैठे हैं. रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें नई रणनीति पर चर्चा हुई. संगठन के तीसरे पड़ाव संबंधी बड़ी घोषणाएं 28 फरवरी की बैठक के बाद की जाएगी.
वहीं, संगठन के पदाधिकारी योगेंद्र यादव ने कहा कि आंदोलन को तेज और मजबूत करना हमारा काम है. हमने पहले ही दिन से कहा है कि हमें सरकार के साथ बातचीत से कोई परहेज नहीं है. हम इस आंदोलन को तेज करेंगे, सरकार के पास बातचीत के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. किसान अब लगातार कुछ न कुछ गतिविधियां करेंगे और आंदोलन को धार देंगे.
1. 23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस मनाया जाएगा. इस दिन को अजीत सिंह और स्वामी सहजानंद सरस्वती की याद में मनाया जाएगा. इस दिन किसान अपने आत्मसम्मान का इजहार करते हुए अपनी क्षेत्रीय पगड़ी पहनेंगे.
2. 24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' की घोषणा की गई है, जिसमें किसान आंदोलन पर हो रहे चौतरफा दमन का विरोध किया जाएगा. इस दिन सभी तहसील और जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे.
3. 26 फरवरी को दिल्ली मोर्चे के तीन महीने पूरे होने पर युवाओं के योगदान को याद करते हुए सम्मानपूर्वक 'युवा किसान दिवस' मनाया जाएगा. इस दिन मोर्चे के सभी मंच युवाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे. अलग-अलग राज्यों के युवाओं से दिल्ली बॉर्डर पहुंचने की अपील की गई है.
4. रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर 27 फरवरी को "मजदूर किसान एकता दिवस" मनाया जाएगा. किसानों ने कहा है कि उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की है कि वे दिल्ली आकर आंदोलन को मजबूत करें.