
बजट सत्र के पहले ही दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान यह संकेत मिल गए थे कि यह सत्र हंगामेदार रहेगा. कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन, चीन के साथ सीमा विवाद और गिरती अर्थव्यवस्था के साथ ही कई अन्य मुद्दों पर सरकार को संसद में घेरने के लिए विपक्ष ने कमर कस ली है. बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार के बीच शनिवार को सर्वदलीय बैठक हुई.
इस बैठक में कृषि कानून के साथ ही कई अन्य विषयों पर भी बात हुई. सरकार की ओर से विपक्षी दलों को यह संदेश देने की कोशिश हुई कि वह हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. इस बैठक के दौरान ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजेडी) की ओर से महिला आरक्षण बिल की मांग उठाई गई. बीजेडी ने सरकार से यह अनुरोध किया कि महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करने वाला यह बिल बजट सत्र में ही पारित कराया जाए.
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बीजेडी संसदीय दल के नेता सांसद पिनाकी मिश्रा ने सर्वदलीय बैठक में यह मांग रखी. उन्होंने कहा कि बीजेडी अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से महिला आरक्षण बिल बजट सत्र में ही पारित कराने का अनुरोध किया है. पिनाकी मिश्रा ने 2019 के लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि तब बीजेडी ने 21 में से सात सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से पांच महिलाएं चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं.
उन्होंने कहा कि ओडिशा की 21 संसदीय सीटों में से सात का प्रतिनिधित्व लोकसभा में महिलाएं कर रही हैं. बीजेडी संसदीय दल के नेता ने कहा कि सीएम नवीन पटनायक इस बात के लिए खुश हैं कि ओडिशा देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां की कुल लोकसभा सीट में से एक तिहाई सीटों का प्रतिनिधित्व महिलाएं कर रही हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के साथ ही कई दल सार्वजनिक रूप से महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन कर चुके हैं.
पिनाकी मिश्रा ने कहा कि आज वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी महिला आरक्षण बिल पारित कराने की ओडिशा के मुख्यमंत्री की मांग का समर्थन किया. ऐसे में यह बिल पारित कराने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि यह बिल लोकसभा में भी पारित कराया जाए. राज्यसभा से महिला आरक्षण विधेयक करीब 10 साल पहले ही पारित हो चुका है.