
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया और याचिका पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.
आरोपी इंजीनियर राशिद की नियमित जमानत पर आदेश सुनाने की मांग करने वाली की मांग वाली आर्जी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) चंदर जीत सिंह ने खारिज कर दिया.
न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान चरण में वह केवल विविध आवेदन पर फैसला कर सकते हैं, नियमित जमानत याचिका पर नहीं. 19 दिसंबर को जिला जज ने मामले की सुनवाई करते हुए मामले को वापस कोर्ट में भेज दिया.
MP-MLA कोर्ट ट्रांसफर हो मामला
एएसजे अदालत ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि मामले को एमपी-एमएलए पर मुकदमा चलाने के लिए नामित अदालत में ट्रांसफर कर दिया जाए, क्योंकि राशिद अब एक सांसद हैं.
जिला न्यायाधीश ने सभी आरोपी व्यक्तियों और अभियोजन एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की सहमति से मामले को एएसजे को वापस भेज दिया.
जिला न्यायाधीश ने यह आदेश तब पारित किया. जब उन्हें बताया गया कि अदालत के अधिकार क्षेत्र से संबंधित मामला वर्तमान में दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है. एएसजे तब तक मामले की सुनवाई जारी रखेंगे, जब तक हाईकोर्ट क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर अंतिम आदेश पारित नहीं कर देता.
राशिद के वकील और एनआईए ने संयुक्त रूप से इस मामले की सुनवाई अदालत में ही रहने देने की मांग की थी. एनआईए मामले के अलावा विशेष न्यायाधीश ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले और राशिद की नियमित जमानत याचिका को एमपी-एमएलए कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी.
NIA ने 2017 में किया था गिरफ्तार
राशिद 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे और एनआईए द्वारा 2017 के टेरर-फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं.
एनआईए और ईडी के मामलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन नेता सैयद सलाहुद्दीन और अन्य भी शामिल हैं.
ईडी ने एनआईए की एफआईआर के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जिसमें उन पर "सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने" और कश्मीर घाटी में परेशानी पैदा करने का आरोप लगाया गया था.