
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पिछले दो महीने से डेरा डाले किसानों ने गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड का वादा किया था, लेकिन सारे वादे टूट गए. किसानों के नाम पर उपद्रवियों ने दिल्ली में घुसकर जमकर हंगामा किया. सुरक्षा के सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए. गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर किसान आंदोलन के नाम पर देश की राजधानी में वो हुआ जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी. ना कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को, ना ही आंदोलन का समर्थन कर रहे विपक्ष को और ना ही किसानों को ट्रैक्टर परेड की इजाजत देने वाली पुलिस और सरकार को.
किसानों की ट्रैक्टर परेड के लिए पहले से ही रुट तय थे. पुलिस की 37 शर्तों पर किसान संगठनों ने हामी भरी थी, लेकिन गणतंत्र दिवस की शुरआत होते ही तस्वीर एकदम बदल गई. ट्रैक्टर पर चढ़े उपद्रवी रास्ते की रुकावटों को तोड़ते हुए दिल्ली के केंद्र ITO तक पहुंच गए. सारी बैरिकेडिंग तोड़ दी गई. रास्ते को रोकने के लिए जिन बसों को खड़ा किया गया था उन्हें ट्रैक्टर से धक्के मार मारकर पलट दिया गया. उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की. उनके हाथों में कभी डंडा दिखा तो कभी दूसरे हथियार.
पुलिस ने काबू में करने की कोशिश की तो उपद्रवी और बेकाबू हुए. पुलिस की टीम पर पथराव किया गया. तब पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू किए. ITO पर बवाल जारी ही था कि उपद्रवियों का बड़ा हुजूम लाल किले पर नजर आया. एक शख्स ने लाल किले पर वहां किसान संगठन का झंडा लहरा दिया जहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाता है. बाद में पुलिस ने बड़ी मशक्कत से झंडे को उतारा.
करीब पांच घंटे तक हंगामे और बवाल के बाद उपद्रवियों ने तय किया कि उन्हें लौटना है. फिर ट्रैक्टरों का रेला वापसी के लिए निकल पड़ा. किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण परेड का वादा किया था, लेकिन दिल्ली के नांगलोई में घुसने के लिए किसान कुछ भी करने पर आमादा थे.
देखें: आजतक लाइव टीवी
फरीदाबाद में भी हंगामा ऐसा बढ़ा और हालात इस कदर बेकाबू हुए कि पुलिस को लाठियों का सहारा लेना पड़ा. हंगामे और बवाल के बाद संयुक्त किसान नेताओं ने उपद्रवियों से पल्ला झाड़ लिया. किसान नेताओं ने कहा कि उपद्रवियों का आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है.
गृह मंत्रालय में बैठक
शाम होते-होते हिंसा पर काबू पाने के बाद गृह मंत्रालय में बैठक हुई. गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक 2 घंटे तक चली. गृह मंत्री द्वारा बुलाई गई इस बैठक में आईबी चीफ, गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर मौजूद रहे. अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कानून-व्यवस्था दिल्ली में कायम करना प्राथमिकता है.
राष्ट्रीय राजधानी के वर्तमान हालात को देखते हुए सरकार ने दिल्ली में पैरामिलिट्री फ़ोर्स की 15 कंपनियां तैनात करने का फैसला लिया. इसमें से 10 कंपनियां CRPF की और 5 कंपनियां अन्य पैरामिलिट्री फ़ोर्स की होंगी. सरकार ने दिल्ली में पैरामिलिट्री के 1500 जवानों को तैनात करने का फैसला लिया.
86 पुलिसकर्मी घायल, एक किसान की मौत
हिंसा में 86 पुलिसकर्मी भी घायल हो चुके हैं. इसमें से कई हालत गंभीर बताई जा रही है. 45 पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. वहीं, 18 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं.
वहीं, ट्रैक्टर परेड के दौरान हादसे में एक किसान की मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि किसान तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चला रहा था, जिसके कारण वो पलट गई और हादसे में उसकी मौत हो गई. डीडीयू मार्ग पर हुए इस हादसे के बाद कुछ किसान वहां पर धरने पर बैठ गए और आरोप पुलिस पर लगाया गया. मृतक का नाम नवनीत सिंह है. 30 वर्षीय नवनीत उत्तराखंड के रहने वाले थे.
अबतक 12 FIR दर्ज
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के मामले में पुलिस की ओर से कुल 12 एफआईआर दर्ज की गई है. 4 ईस्टर्न रेंज, एक द्वारका के बाबा हरिदास नगर पुलिस स्टेशन, एक नजफगढ़, एक उत्तम नगर में दर्ज की गई. बाकी दिल्ली के अन्य थामों में दर्ज की गई हैं