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कृषि कानूनों के खिलाफ 32 दिनों से धरने पर बैठे कांग्रेस सांसदों से मिलीं प्रियंका

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर 32 दिनों से धरने पर बैठे कांग्रेस सांसदों से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुलाकात की है. यह कांग्रेस सांसद किसान आंदोलन के समर्थन में धरना पर बैठे हैं.

धरने पर बैठे कांग्रेस सांसदों से मिलतीं प्रियंका गांधी वाड्रा धरने पर बैठे कांग्रेस सांसदों से मिलतीं प्रियंका गांधी वाड्रा
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST
  • जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं कांग्रेस सांसद
  • किसानों के समर्थन में कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर 32 दिनों से धरने पर बैठे कांग्रेस सांसदों से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मिलने पहुंची हैं. यह कांग्रेस सांसद किसान आंदोलन के समर्थन में धरना पर बैठे हैं. इनका कहना है कि किसान विरोधी कानून के खिलाफ हर मोर्चे पर किसानों के साथ कांग्रेस खड़ी है.

इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है. आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं. अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी मांगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है.

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वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के फैसलों ने किसानों के साथ अन्याय किया है, गरीबों के पेट पर लात मारी है. हम उसके सामने सिर नहीं झुकायेंगे. मोदी सरकार के काले बिलों के खिलाफ अन्नदाता की लड़ाई डट कर लड़ेंगे.

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आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा समेत कई प्रदेशों के किसान हाल ही में बनाए गए तीन कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020 का विरोध कर रहे हैं.

कई प्रदेशों के किसान पिछले 44 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच कई राउंड की बात हो चुकी है, लेकिन न तो किसान पीछे हटने को तैयार हैं और न ही सरकार टस से मस हो रही है. आज एक बार किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी है.

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