
एक तरफ जहां दिल्ली इस वक्त बाढ़ से जूझ रही है तो वहीं आने वाले निकट भविष्य देश की राजधानी पर कई तरह की बीमारियों का संकट भी गहरा रहा है. राजधानी के सामान्य से लेकर पॉश इलाकों में यमुना का पानी भरा हुआ है. धीरे-धीरे नदी का जलस्तर तो घटने लगा है, लेकिन इलाकों में घुसा पानी जो कि ठहर चुका है, वह बीमारियों को दावत देगा. आने वाले महीने में दिल्ली डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया से परेशान हो सकती है.
दिल्ली सरकार ने बनाया है मेगा प्लान
अलग-अलग इलाकों में बाढ़ और बारिश का पानी जमा होने से डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक मेगा प्लान तैयार किया है. इस प्लान के कई चरणों में जहां सरकार एक तरफ तो बीमारियों की रोकथाम के उपाय करेगी तो वहीं नागरिकों को भी जागरूक करेगी ताकि वह भी अपना बचाव कर पाएं.
सरकार ने इस पूरे मेगा प्लान को 10 पॉइंट्स में कवर किया है, जानिए क्या है बीमारियों से बचाने की सरकार की योजना
1. डेंगू वायरस के सीरोटाइप की पहचान
दिल्ली सरकार प्रभावी उपचार और रोकथाम के लिए प्रयोगशालाओं में प्रचलित डेंगू वायरस के सीरोटाइप की पहचान करेगी. सीरोटाइप की पहचान से लाभ ये होगा कि इससे ये पता चल सकेगा कि डेंगू बुखार अपने साथ किस तरह के लक्षण लेकर आ रहा है. इन लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द सबसे आम होते हैं. कुछ मामले में पीलिया और मलेरिया जैसे सह-लक्षण भी दिखाई देते हैं. लक्षणों का पता चलने से रोकथाम आसान हो सकेगी.
2. हेल्पलाइन नंबर 1031
कोविड महामारी के दौरान इस्तेमाल किया गया हेल्पलाइन नंबर 1031 का प्रयोग किया जाएगा. इस हेल्पलाइन नंबर का उपयोग डेंगू के इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाएगा. मरीज और उसके परिजनों को डेंगू आदि मौसमी बीमारी की जानकारी और सहायता इस नंबर पर उपलब्ध कराई जाएगी.
3. 24 घंटे वाले कंट्रोल रूम
डेंगू की जांच और उपचार की सुविधा के लिए चौबीसों घंटे चलने वाले स्ट्रांग कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे. ताकि मामलों की तेजी से जांच हो सके. इलाज में देरी न हो और सही समय पर उपचार मिल सके. इसके साथ ही मामलों की बढ़ती-घटती संख्या पर भी नजर रखी जाएगी.
4. स्कूलों को दिए निर्देश
स्कूलों को नवंबर, 2023 तक छात्रों को पूरी आस्तीन वाली स्कूल ड्रेस या पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनने की अनुमति देने का निर्देश दिया गया.
5. अफसरों का बनेगा रोस्टर
घरों में होने वाले घरेलू प्रजनन की जांच करने वाले कर्मियों की निगरानी और उनपर सुपरविजन के लिए सीनियर अफसरों की तैनाती होगी, उनका रोस्टर तैयार किया जाएगा.
6.घरों में होगी डेंगू ब्रीडिंग की जांच
अधिकारी डेंगू के प्रजनन की रोकथाम के लिए घरों की रैंडम जांच करेंगे.
7. ड्रोन की तैनाती
विशेष रूप से संवेदनशील स्थानों पर मच्छरों की निगरानी और नियंत्रण के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे.
8. जागरूकता संदेश
महानगरों, बाजारों और अस्पतालों में एहतियाती संदेश बजाए जाएंगे. इसके जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने सामान्य लक्षणों, बचाव आदि की जानकारी दी जाएगी, साथ ही यह भी वह अपने आस-पास ऐसा माहौल न बनने दें जिससे की डेंगू ब्रीडिंग हो सके.
9. एमसीडी एप 311 का प्रयोग
मच्छरों के प्रजनन के संबंध में शिकायत दर्ज करने के लिए एमसीडी ऐप 311 का उपयोग किया जाएगा.
10. स्कूली छात्र होंगे जागरूक
सरकार सभी निजी और सरकारी स्कूलों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेगी. बच्चे इसका मुख्य जरिया बनेंगे. इसके लिए स्कूली छात्रों को डेंगू होमवर्क कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे. इस कार्ड में बीमारी और रोकथाम से संबंधित जरूरी जानकारी होगी, जो बच्चों को समझाने के लिए आसान रहेगी.
बढ़ रहा है बीमारी का खतरा
दरअसल, बारिश और बाढ़ के बाद दिल्लीवालों के सामने अब तीन चुनौतियां हैं. पहली तो ये कि सड़कों पर गंदे पानी से बीमारी फैलने का डर सता रहा है, दूसरा साफ पानी की किल्लत हो रही है जो कि बीमारी के लिए बड़ा कारण बन सकती है और आगे बारिश होती है तो फिर से जलभराव का डर है जो कि स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य के लिहाज से बड़ा खतरा है. यमुना का पानी भले ही कम होने लगा है लेकिन ये लोगों के लिए बड़ी मुसीबत छोड़कर जा रहा है. कारण, दिल्ली में घुसा बाढ़ का पानी तो निकल जाएगा , लेकिन पीछे छोड़ जाएगा गंदगी और बीमारी. सड़कों पर गंदगी का अंबार लग चुका है. सड़कों पर यमुना के पानी के साथ-साथ नाले का पानी, कूड़ा-कचरा और सीवर की गंदगी भी बह रही है. इसके कारण आने वाले दिनों में कई तरह की बीमारी फैलने होने का खतरा पैदा हो गया है.