
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन करते हुए 'सीवर सफाई के दौरान मौत' पर मुआवजा 30 लाख रुपये कर दिया है. इसके पहले ये मुआवजा 10 लाख रुपये होता था. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी है. बता दें कि, शीर्ष अदालत ने इससे पहले अक्टूबर में कहा था कि सरकारी अधिकारियों को सीवर की सफाई के दौरान जान गंवाने वालों के परिवार को 30 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा.
दिल्ली जल बोर्ड ने दिया आदेश
दिल्ली जल बोर्ड के एक आदेश में कहा गया, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीवर में होने वाली मौतों के लिए मुआवजा बढ़ाया जाए (यह देखते हुए कि पिछली तय राशि यानी 10 लाख रुपये, 1993 से लागू की गई है.) उस राशि का वर्तमान समतुल्य 30 लाख रुपये है. यह वह राशि होगी, जिसका संबंधित एजेंसियों द्वारा भुगतान किया गया.’’
स्थिति की गंभीरता के आधार पर दिया जाएगा मुआवजा
डीजेबी ने यह भी कहा कि सीवर की सफाई के दौरान दिव्यांगता का शिकार होने वाले पीड़ितों के मामले में स्थिति की गंभीरता के आधार पर मुआवजा वितरित किया जाएगा. इसने कहा कि न्यूनतम मुआवजा 10 लाख रुपये से कम नहीं होगा. डीजेबी ने कहा, "ऐसी स्थिति में, किसी भी पीड़ित के आश्रितों को ऐसी राशि का भुगतान नहीं किया गया है, उपरोक्त राशि उन्हें देय होगी. इसके अलावा, यह मुआवजे के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि होगी."
न्यूनतम मुआवजा 10 लाख रुपये
डीजेबी ने आगे कहा कि विकलांगता से पीड़ित सीवर पीड़ितों के मामले में विकलांगता की गंभीरता के आधार पर मुआवजा दिया किया जाएगा. हालांकि, न्यूनतम मुआवजा 10 लाख रुपये से कम नहीं होगा, डीजेबी ने कहा, अगर विकलांगता स्थायी है और पीड़ित को आर्थिक रूप से असहाय बना देती है तो मुआवजा 20 लाख रुपये से कम नहीं होगा.