
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला पायलट गुंजन सक्सेना को उन पर बनी फिल्म को देखकर उस पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. ऑनलाइन प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर दिखाई जा रही हिंदी फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल पर बनी फिल्म की असली गुंजन को अपना जवाब दाखिल कर कोर्ट को ये बताने को कहा है कि क्या वाकई इस फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है उससे इंडियन एयरफोर्स की छवि खराब हुई है.
साथ ही हाईकोर्ट ने गुंजन सक्सेना से कहा है कि वह इस फिल्म को देखकर इसका पूरा मूल्यांकन करते हुए यह बताएं कि क्या इस पर फिल्म के निर्माता ने उसके साथ किए गए एग्रीमेंट का कहीं भी उल्लंघन किया है.
केंद्र को 1 हफ्ते का अतिरिक्त समय
आज शुक्रवार को हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और वक्त मांग लिया है. कोर्ट ने केंद्र को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए 1 हफ्ते का समय और दिया है.
कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की अगली सुनवाई केंद्र सरकार का जवाब दाखिल होने के बाद 15 अक्टूबर को की जाएगी. हाईकोर्ट में इस फिल्म पर बैन लगाने के लिए केंद्र सरकार और एयरफोर्स ने याचिका दाखिल की थी जिसमें कहा गया है कि ये फिल्म इंडियन एयरफोर्स की साख को गिरा रही है.
इससे पहले 2 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस फिल्म पर रोक लगाने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि फिल्म की रिलीज को काफी वक़्त हो चुका है, ऐसे में अभी रोक का आदेश देना सही नहीं रहेगा.
पहले लगानी चाहिए थी अर्जीः कोर्ट
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि इस फ़िल्म की रिलीज से पहले ही इसे रोकने के लिए अर्जी कोर्ट में लगाई जानी चाहिए थी, अब जबकि इस फिल्म को रिलीज हुए भी कई हफ़्ते का समय बीत चुका है, तो इस पर अभी बैन लगाने का कोई अर्थ नहीं बनता. इस फिल्म को नेटफ्लिक्स पर 12 अगस्त को रिलीज किया गया था.
पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को अब अगली सुनवाई से पहले अपना जवाब दाख़िल करना है जबकि धर्मा प्रोडक्शन और नेटफ्लिक्स ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. इस फिल्म में एयरफोर्स की छवि को लिंग के आधार पर पक्षपात करने वाली दिखाई गई है, जबकि एयरफोर्स ने कोर्ट में दावा किया है कि फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है वो सच्चाई से परे है और इस फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है उससे एयरफोर्स की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है.