Advertisement

'पूजा खेडकर की नियुक्ति रद्द करने का आदेश 2 दिन में...', दिल्ली हाईकोर्ट का UPSC को निर्देश

कोर्ट में UPSC की तरफ से कहा गया कि प्रेस विज्ञप्ति की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि पूजा कहां है, उसके ठिकाने का पता नहीं चल रहा था, प्रेस विज्ञप्ति एक सूचना है. पूजा खेडकर के दस्तावेजों में हेरफेर की आदत रही है, हलफनामे को 28 जुलाई को यह सत्यापित किया गया है.

पूजा खेडकर (Credits: PTI) पूजा खेडकर (Credits: PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:34 PM IST

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC से कहा कि 2 दिनों के भीतर उनकी नियुक्ति रद्द करने का आदेश उपलब्ध कराए. पूजा ने अपनी उम्मीदवारी रद्द किए जाने के UPSC के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 

जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच के समक्ष पूजा खेडकर की वकील इंदिरा जयसिंह ने प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में अजीब बात ये है कि पूजा की उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश उन्हें आज तक नहीं सौंपा गया है, इस बारे में पूजा के पास सिर्फ प्रेस रिलीज़ है. उन्होंने मांग की कि प्रेस रिलीज़ को रद्द किया जाना चाहिए. साथ ही मांग की कि कोर्ट UPSC को आदेश दे ताकि पूजा खेडकर उचित न्यायिक फोरम मे इसे चुनौती दे सकें. 

Advertisement

इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट में कहा कि पूरा मामला मीडिया में उठाया जा रहा है, फिलहाल मेरी मांग यही है कि इस प्रेस विज्ञप्ति को रद्द करने और निरस्त करने का अदालत आदेश दे.

कोर्ट में UPSC की तरफ से कहा गया कि प्रेस विज्ञप्ति की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि पूजा कहां है, उसके ठिकाने का पता नहीं चल रहा था, प्रेस विज्ञप्ति एक सूचना है. पूजा खेडकर के दस्तावेजों में हेरफेर की आदत रही है, हलफनामे को 28 जुलाई को यह सत्यापित किया गया है. 

यूपीएससी के वकील ने कहा कि पूजा खेडकर को 2 दिनों के भीतर उनकी ईमेल आईडी और उनके ज्ञात पते पर आदेश भेज दिया जाएगा. वहीं, हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को उचित फोरम पर अपील करने की इजाजत दी.

संघ लोक सेवा आयोग ने पूजा की अस्थायी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया था. इसके अलावा भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में उन्हें शामिल होने पर रोक लगाई थी. इसी आदेश को उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.  

Advertisement

संघ लोक सेवा आयोग ने पूजा खेडकर के तमाम दस्तावेजों की जांच के आधार पर यूपीएससी ने उनको सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया था. इस जांच के लिए पिछले 15 साल के डेटा की समीक्षा की गई थी. इसके बाद सामने आया था कि पूजा का इकलौता केस था जिसमें यह पता नहीं लगाया जा सका कि उन्होंने कितनी बार यूपीएससी का परीक्षा दी है, क्योंकि उन्होंने कई बार धोखाधड़ी की है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement