
शराब घोटाले मामले में तिहाड़ जेल में बंद कारोबारी अमनदीप ढल को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका मिला है. हाईकोर्ट ने ढल की जमानत याचिका खारिज नहीं की है बल्कि अस्पताल में इलाज की अवधि बढ़ाने से इनकार किया है.
हाईकोर्ट ने ढल की अस्पताल में मेडिकल जांच की अवधि बढ़ाने की मांग वाला आवेदन खारिज किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी (ढल) मौजूदा मेडिकल स्थिति स्थिर है. ऐसे में इलाज के लिए अवधि बढ़ाने का कोई आधार नहीं है.
अमनदीप के खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनो एजेंसियां जांच कर रही हैं.अमनदीप ढल ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.
अमनदीप ढल को एक मार्च को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. ईडी के अनुसार कारोबारी ढल ने अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची है और वह पॉलिसी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था. ढल पर आरोप है कि वो आम आदमी पार्टी को रिश्वत देने और साउथ ग्रुप को लाभ पहुंचाने में मदद कर रहा था.
ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितता बरती गई. इसके साथ ही लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया. लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और अथॉरिटी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया.
क्या है मामला?
दिल्ली शराब नीति घोटाले में ईडी ने शराब कारोबारी ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमनदीप ढल को दिल्ली आबकारी नीति में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. ढल पर कई आरोप लगे हैं
सीबीआई के मुताबिक, आप पदाधिकारी विजय नायर, मनोज राय, अमनदीप ढल और समीर महंदरू साल 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल थे.