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'महुआ को सरकारी बंगले में रहने का अधिकार नहीं', HC ने खारिज की याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने महुआ की याचिका खारिज करते हुए कहा कि मोइत्रा को इस बंगले में में रहने का अधिकार नहीं है क्योंकि उन्हें संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. 

नलिनी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. महुआ ने सरकारी बंगला खाली कराने के नोटिस को अदालत में चुनौती दी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है. 

हाईकोर्ट ने महुआ की याचिका खारिज करते हुए कहा कि मोइत्रा को इस बंगले में में रहने का अधिकार नहीं है क्योंकि उन्हें संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. 

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बता दें कि ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब महुआ ने सरकारी बंगले खाली कराने के नोटिस को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था.

बता दें कि दिसंबर 2023 में महुआ को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें सरकारी बंगला तुरंत खाली करने को कहा गया था. इस संबंध में संपदा निदेशालय ने उन्हें आदेश जारी किया था. 

संपदा निदेशालय ने महुआ को 9B टेलीग्राफ लेन का टाइप 5 बंगला तुरंत खाली करने का बेदखली नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था कि अगर महुआ मोइत्रा ने बंगला खाली नहीं किया तो बलपूर्वक खाली कराया जाएगा. नोटिस के मुताबिक संसद सदस्यता छिनने के बाद अब वे इस बंगले की पात्र नहीं रहीं. 

इससे पहले सरकारी बंगले का आवंटन रद्द होने के बाद महुआ को 7 जनवरी तक घर खाली करने के लिए कहा गया था. लेकिन, जब यह बंगला खाली नहीं किया गया तो 8 जनवरी को संपदा निदेशालय ने एक नोटिस जारी किया था और तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था कि उन्होंने (महुआ) अपना सरकारी आवास खाली क्यों नहीं किया? उसके बाद 12 जनवरी को महुआ को तीसरा नोटिस भी जारी किया गया. महुआ को यह बंगला बतौर सांसद आवंटित किया गया था. लेकिन, 8 दिसंबर 2023 को सांसदी जाने के बाद इसका आवंटन भी रद्द कर दिया गया था.

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