
हिंदी अकादमी दिल्ली ने पिछले 3 साल के साहित्य पुरस्कारों का एक साथ ऐलान कर दिया है. इन पुरस्कारों की घोषणा दिल्ली सरकार के कला संस्कृति एवं भाषा मंत्री और हिन्दी अकादमी के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने की. इस दौरान उन्होंने कहा,'पुरस्कारों की घोषणा से हिंदी अकादमी ने साहित्य के क्षेत्र में एक मील का पत्थर दोबारा स्थापित किया है, जो पुरस्कार किन्हीं कारणों से पिछले 6 सालों से नहीं दिए गए थे, उन्हें अकादमी ने फिर से शुरू किया है.'
इस अवसर पर हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा ने कहा,'अकादमी ने पिछले 3 सालों के पुरस्कारों की घोषणा कर एक बड़ा काम किया है. साहित्य जगत में काफी समय से इन पुरस्कारों की चर्चा थी. इन पुरस्कारों की घोषणा से देश में हिंदी अकादमी दिल्ली का मान बढ़ेगा.'
पुरस्कारों से इन्हें किया गया सम्मानित
इन 3 सालों के पुरस्कार दिए गए एक साथ
इस अवसर पर उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने अकादमी के एक नये पुरस्कार की घोषणा की, जिसमें देश के वरिष्ठ साहित्यकार को 11 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया जाएगा. इस साल शलाका/साहित्यकार सम्मान के तहत 2022-2023, 2023-2024 और 2024-2025 के पुरस्कारों की घोषणा एक साथ की गई है.
हमेशा हिंदी भाषा को बढ़ावा देना है काम
बता दें हिन्दी अकादमी दिल्ली की स्थापना 1981 में दिल्ली प्रशासन (अब दिल्ली सरकार ) ने स्वायत्तशासी संस्था के रूप में की गई. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन करना है.
इन दिग्गजों को किया जा चुका है सम्मानित
बता दें कि हिंदी अकादमी दिल्ली की शलाका/साहित्यकार सम्मान योजना के तहत साल 1986-87 से लेकर अब तक डॉ. रामविलास शर्मा, विष्णु प्रभाकर, गिरिजा कुमार माथुर, त्रिलोचन शास्त्री, प्रो. नामवर सिंह, प्रो. विजयेन्द्र स्नातक, डॉ. नरेन्द्र कोहली, कृष्ण चंद्र शर्मा 'भिक्खु, निर्मल वर्मा, गोपाल प्रसार व्यास, भीष्म साहनी, कृष्णा सोबती, रामदरश मिश्र, कमलेश्वर, राजेन्द्र यादव, नेमिचन्द्र जैन, कुंवर नारायण, मन्नू भंडारी, प्रभाष जोशी, डॉ. असगर वजाहत, डॉ. मैनेजर पांडेय, जावेद अख्तर, डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मानित कर चुकी है.