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दिल्ली शराब घोटाला: नहीं मिली मनीष सिसोदिया को राहत, 22 नवंबर तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई थी.

मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्य आरोपी और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सभी आरोपियों को चार्जशीट से जुड़े दस्तावेज दिए जा चुके हैं. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाकर 22 नवंबर कर दी. 

इस बीच आरोपियों ने बताया कि उन्हें जो दस्तावेज दिए गए हैं वह सीरियल में नहीं है, हमें उन्हें देखने और समझने में परेशानी हो रही है. इस पर सीबीआई ने कहा कि अगर उन्हें कोई दिक्कत थी तो उसी समय बताना चाहिए था. आज कोर्ट के समक्ष क्यों बता रहे हैं? इससे मामले की सुनवाई पर असर पड़ेगा.

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सीबीआई ने कहा कि आरोपियों के वकील दस्तावेजों की जांच के लिए शाम को आते हैं.अभी तक सिर्फ दो बार आएं हैं. आरोपियों के वकील ने कहा कि जांच अधिकारी ने हमें बताया था कि वह सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई की वजह व्यस्त थे।.

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में सभी आरोपियों को तीनों चार्जशीट से जुड़े दस्तावेजों की कॉपी देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने आरोपियों को सीबीआई मुख्यालय के मालखाने में रखे दस्तावेजों से मिलान करने के लिए जांच अधिकारी को याचिका देने को कहा. इसके साथ ही सीबीआई से कहा कि आरोपियों के वकील को रोजाना दोपहर दो से शाम सात बजे तक का समय दस्तावेजों की जांच पड़ताल के लिए दिया जाए.

कैसे फंसे सिसोदिया?

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- सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) शामिल हैं.

- इसमें अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है. आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया. बाद में दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया.

- चूंकि, मनीष सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें दिल्ली के इस कथित शराब घोटाले में मुख्य आरोपी बनाया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया कि आबकारी मंत्री होने के नाते सिसोदिया ने 'मनमाने' और 'एकतरफा' फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ.

- 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया और दो दिन बाद ही 19 तारीख को मनीष सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की. 30 तारीख को सीबीआई ने सिसोदिया के बैंक लॉकर भी खंगाले. सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला. 

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- सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, मनीष सिसोदिया के कथित करीबी अर्जुन पांडे ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से 2 से 4 करोड़ रुपये लिए थे. ये रकम विजय नायर की ओर से ली गई थी. विजय नायर कुछ साल तक आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज भी रहे हैं. 

- इस साल 14 जनवरी को सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय में सिसोदिया के दफ्तर में तलाशी ली. 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद 9 मार्च को ईडी ने भी सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया.

क्या थी नई शराब नीति?

- 22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई. 

- नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई. 

- नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी.

- हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी.

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