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Monsoon Updates: दिल्ली वालों को करना होगा मॉनसून का लंबा इंतजार, जानें कब होगी बारिश

Delhi Monsoon Rain Prediction: दरअसल मॉनसून को आगे बढ़ाने के लिए कम दबाव का क्षेत्र जरूरी होता है. ऐसा कोई कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में फिलहाल बनता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.

Delhi Monsoon Rain Prediction: दिल्ली में मौमस का हाल Delhi Monsoon Rain Prediction: दिल्ली में मौमस का हाल
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

देशभर में इस समय मानसून की स्थिति काफी कमजोर पड़ी हुई है. 20 जून के बाद लगातार कई हिस्सों में मॉनसून की बारिश या तो काफी कम हुई है या फिर बिल्कुल ही गायब है. 29 जून के बाद की बात करें तो दे के ज्यादातर हिस्सों से मानसून बिल्कुल नदारद ही रहा है. मौसम वैज्ञानिकों की डिक्शनरी में इसे मॉनसून ब्रेक कहा जाता है. 

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मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने आज तक से बातचीत में कहा, 'आने वाली 7 जुलाई तक मौसम और मानसून की स्थिति काफी कुछ बदलने वाली नहीं है. 7 जुलाई के बाद भी स्थिति बदलेगी या नहीं उसके बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि फिलहाल कोई ऐसा सिस्टम या साइन नहीं दिखाई पड़ रहा है जो मॉनसून को दोबारा रास्ते पर ला सके.'

दरअसल मॉनसून को आगे बढ़ाने के लिए कम दबाव का क्षेत्र जरूरी होता है. ऐसा कोई कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में फिलहाल बनता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. मौसम वैज्ञानिक बस उम्मीद जता रहे हैं कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में अगर कोई ऐसा कम दबाव का क्षेत्र बने तो फिर मॉनसून के लिए सब कुछ अनुकूल हो जाए. 

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मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र बताते हैं, 'अगस्त 7 जुलाई के बाद भी मॉनसून के लिए स्थितियां अच्छी बनती हैं तो पहले पूर्वी और साथ ही साथ मध्य भारत के राज्यों में बारिश होगी. उसके बाद ही यह सिस्टम उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ेगा. यानी जिन राज्यों में अब तक मानसून बिल्कुल नहीं आया है मसलन हरियाणा पंजाब राजस्थान और दिल्ली, वहां मॉनसून के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ेगा.'

मुश्किल मॉनसून की देरी से नहीं बल्कि दिल्ली और आस पास के इलाकों में तापमान और उमस ने बेहाल कर दिया है. मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक डॉ नरेश बताते हैं, 'फिलहाल दिल्ली वालों को उमस और उसके जरिए होने वाली परेशानी से राहत की उम्मीद कम ही है. आने वाले एक-दो दिनों में हो सकता है थोड़ी बहुत बारिश हो और उसकी वजह से पारा थोड़ा नीचे भी लुढ़के, लेकिन फिर भी उमस वाली गर्मी जारी रहेगी और इसीलिए लोगों को परेशानी का सामना करते रहना होगा.'

किसानों के लिए भी अच्छी खबर नहीं है. मौसम आमतौर पर खरीफ की फसलों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है लेकिन 20 जून के बाद कई इलाकों में कम हो रही बारिश किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. मौसम विभाग का कहना है कि इसिलिए किसानों को भी अपनी फसल की रणनीति दोबारा बनानी पड़ेगी और उसी के हिसाब से बुआई करना होगा.

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