
देश का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा खोल दिया गया है. मध्यप्रदेश में तैयार 244 किलोमीटर में से 210 किलोमीटर हिस्से में यातायात बुधवार सुबह 8 बजे शुरू दिया गया. इसके पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने औपचारिक उद्घाटन के लिए समय देने का अनुरोध किया था. लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तताओं के चलते लिए समय नहीं मिला. लेकिन पीएमओ से आम जनता के लिए मध्यप्रदेश के तैयार हिस्से को खोलने का संदेश मिलने के बाद एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का आवागमन शुरू करवा दिया है.
जितना सफर-उतना टोल
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर टोल दरें अलग-अलग पैकेज एरिया की दर से निर्धारित हैं. जैसै कि कहीं पहाड़ काटकर रोड़ को बनाना पड़ा है, तो उस इलाके से गुजरने की टोल दरें थोड़ी अधिक होंगी और जहां फ्लैट एरिया में निर्माण हुआ, वहां थोड़ी कम होंगी.
NHAI की ओर से टोल के लिए अधिकृत की गई कंपनी पाथ इंडिया लिमिटेड के टिंमरवानी टोल पाइंट के इंचार्ज सरफराज खान कहते हैं, औसतन 2 से ढाई रुपये प्रति किलोमीटर का टोल इस जोन में लगेगा. खान कहते हैं कि जैसे ही इंटरचेंज पॉइंट पर वाहन इंट्री करेगा, वैसे ही गाड़ी का फास्टैग स्कैन करके स्कैनर अगले सभी 7 पॉइंट पर वाहन की डिटेल्स भेज देगा, और जैसे ही 8 लेन से एग्जिट होने के लिए टोल पाइंट पर पहुंचेंगे, वहां ऑटोमेटिक ही आपकी गाड़ी की तय की गई दूरी के हिसाब से टोल टैक्स आपके फास्टैग अकाउंट से कट जाएगा. कंपनी अभी सर्विस एरिया, पेट्रोलिंग आदि की सुविधा उपलब्ध करवाने जा रही है.
बाइक-ट्रैक्टर सहित इन वाहनों की NO इंट्री
दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर 5 प्रकार के वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों की एंट्री हो सकेगी. जिन वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है उसमें बाइक, ट्रैक्टर, ऑटो, भूसे से भरे वाहन और हार्वेस्टर.
दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे की खासियत
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे एक लाख करोड़ रुपए की लागत से बना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिस पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी खासा फोकस किया था. इस एक्सप्रेस को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह शहरों से काफी दूर है और ग्रामीण इलाकों से गुजरा है. घने जंगलों से गुजारने के दौरान इसे जंगल के ऊपर से गुजारा गया ताकि जानवरों की आवाजाही बाधित ना हो. 8 लेन के बीचों बीच 20 मीटर की लेन में पौधे लगाए गये हैं जो जल्दी पेड़ों का आकार लेंगे. इस एक्सप्रेस वे में जगह जगह कैमरे और सौर ऊर्जा आधारित लाइट्स लगाई गई हैं. हर 50 किलोमीटर पर रेस्ट एंड सर्विस एरिया बनाया गया है. हर 100 किमी पर ट्रामा सेंटर एवं हेलीपैड बनाए गए हैं ताकि आपातकाल में घायल यात्रियों का जीवन सुरक्षित किया जा सके. साथ ही मोटल भी एक्सप्रेस वे पर बनाए गये हैं ताकि यात्रियों को रात्रि विश्राम में दिक्कतें ना हों.
यात्री गदगद, बोले- अभूतपूर्व बना है एक्सप्रेस-वे
20 सितंबर की सुबह 8 बजे जब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के मध्यप्रदेश के हिस्से को आम लोगों के लिए खोला गया तो यात्री काफी उत्साहित थे. आजतक से बातचीत के दौरान एक्सप्रेस-वे पर सफर कर आने वाले यात्रियों ने अपना अनुभव बताया. रतलाम निवासी यात्री विनोद जैन ने कहा कि आज हमने 72 किलोमीटर का सफर टोल चुकाकर किया है. लेकिन अनुभव बेहद रोमांचक रहा. पेट का पानी तक नहीं हिला ओर रास्ते में कोई असुविधा नहीं हुई. वहीं, आनंद जैन नामक यात्री ने कहा कि आज रोमांचक अनुभव था. हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे इलाके से यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे गुजर रहा है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खासियत:-
1386 किमी लंबा है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे
मध्यप्रदेश में 244 KM बनकर तैयार, फिलहाल 210 KM टोल के साथ खोला गया
2 से ढाई रुपये प्रति KM की दर से टोल टैक्स चुकाना होगा
एक्सप्रेस वे की कुल लागत- 1 लाख करोड़ रुपये
MP के झाबुआ-रतलाम-मंदसौर जिले से गुजरेगा
फिलहाल 7 इंटरचेंज यानी इंट्री-एग्जिट पाइंट
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर जितना किलोमीटर सफर करेंगे, उतना ही कटेगा टोल
मार्च 2024 तक दिल्ली से मुंबई तक शुरू होने की संभावना