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'जहां भेज रहे वहां कुत्ते भी नहीं रहते...', बुलडोजर एक्शन के बाद बोले रैट माइनर वकील हसन, फुटपाथ पर रह रहा परिवार

दिल्ली के खजूरी खास इलाके में रहने वाले रैट माइनर वकील हसन के घर पर डीडीए का बुलडोजर चल चुका है. वहीं डीडीए की ओर से उनके परिवार को नरेला में शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं इसको लेकर उन्होंने कहा कि हमें जहां भेजा जा रहा है, वहां कुत्ते भी नहीं रहते.

रैट माइनर वकील हसन का घर बुलडोज किया जा चुका है. रैट माइनर वकील हसन का घर बुलडोज किया जा चुका है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

उत्तराखंड की सिलकियारा उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू करने वाली टीम में शामिल रैट माइनर वकील हसन अपने परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं क्योंकि उत्तर-पूर्व दिल्ली के खजूरी खास में स्थित उनके घर को डीडीए ने बुधवार को डिमोलिशन ड्राइव के तहत ढहा दिया गया है. यहां रहने वाले लोगों को नरेला के एक इलाके में शिफ्ट किया जा रहा है. इसका वकील हसन विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारे परिवार को ऐसी जगह पर भेजा जा रहा है, जहां कुत्ते भी नहीं रहते.  

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वकील हसन ने कहा, वे (बीजेपी सरकार) मुझे नरेला में ऐसी जगह पर रखने की कोशिश कर रहे हैं, जहां कुत्ते भी नहीं रहते." उन्होंने आगे कहा कि अगर भविष्य में मेरे बच्चों के साथ वहां कोई घटना होती है तो एलजी वीके सक्सेना और सांसद मनोज तिवारी मेरी मदद नहीं कर पाएंगे.  

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने क्या आश्वासन दिया?

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे इस समस्या के बारे में बताया था, लेकिन जब हमने मामले को देखा तो उसमें कुछ दिक्कतें सामने आईं. इसलिए हम उन्हें कानूनी रूप से मकान मुहैया कराएंगे और मैं उन्हें इस बात का आश्वासन देता हूं.  

बीजेपी सांसद ने कहा, हसन का नाम पीएमएवाई लाभार्थी सूची में शामिल किया जाएगा और बहुत जल्द ही उन्हें मकान दिया जाएगा. वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने कहा कि मुझे इसके बारे में जानकारी दी गई है. हम जल्द ही भरपाई करेंगे और उन्हें मकान भी देंगे. 

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खुले रात में गुजार रहा परिवार

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए रैट माइनर वकील हसन ने इस साइट से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि हम फुटपाथ पर बैठे हुए हैं, जहां उन्होंने अपने परिवार के साथ घर गिराए जाने के बाद दूसरी रात बिताई है. कुछ स्थानीय लोग हमें भोजन और पानी आदि मुहैया करा रहे हैं. उन्हें और उनके परिवार को नरेला में एक ईडब्ल्यूएस फ्लैट में ले जाया गया है. 

अबतक सरकार से नहीं मिली मदद: रैट माइनर

उन्होंने कहा कि हमने अब रात को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर लिया है. वकील ने कहा कि परिवार को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. बता दें कि वकील हसन उस टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने पिछले साल नवंबर में उत्तरकाशी की सिलकियारा सुरंग के मलबे में मैन्युअल ड्रिलिंग करके फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाया था. 

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