
दक्षिणपूर्व दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मंगलवार को भारी सुरक्षा के बीच झुग्गियों पर बुलडोजर चलने से अफरा-तफरी का माहौल है. प्रशासन ने इन झुग्गियों को अवैध रूप से बसे होने का हवाला देकर इन पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है. लेकिन यहां के स्थानीय निवासी इससे सहमत नहीं है.
प्रशासन का कहना है कि निजामुद्दीन इलाके की झुग्गियों पर बुलडोजर की कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से हुई. लेकिन स्थानीय निवासियों में इसे लेकर दहशत का माहौल है.
यहां बीते 25 सालों से रह रहे चांद अब्बासी ने कहा कि ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां वे जा सके. हम यहां 25 सालों से रह रहे थे. हम चिंतित थे क्योंकि हमारे बच्चों की परीक्षाएं है और उनका भविष्य दांव पर है. हमारे पास सिर छिपाने की कोई जगह नहीं है. एक अन्य स्थानीय निवासी मोइन ने कहा कि मंगलवार को उनकी नौकरी चली गई थी.
मोइन ने कहा मैं नौकरी पर गया था तभी मुझे इस घरों पर बुलडोजर चलने का पता चला. मैं ऑफिस में बिना किसी को बताए घर आ गया और उन्होंने मुझे नौकरी से निकाल दिया. हम चाहते थे कि प्रशासन को इस कार्रवाई से पहले हमें कुछ समय देना चाहिए था.
यहां के बाशिंदों का कहना है कि अब तक 10 से अधिक झुग्गियों को नष्ट कर दिया गया है. एक अन्य निवासी हीना खान ने बताया कि मेरा जन्म यहीं हुआ था और अब मैं बेघर हो गई हूं. हम सारा सामान सड़क पर पड़ा है. हमें समय भी नहीं दिया गाय. प्रशासन ने हमें दो दिनों का नोटिस दिया था. वे दो दिन पहले आए और हमसे इलाका खाली करने को कहा.
एक अन्य शख्स ने बताया कि हमारे सारे दस्तावेज यहां बने हुए हैं. हमारे पास वोटर कार्ड है. लेकिन हमें यहां का वासी नहीं माना जा रहा है और हमें यहां से हटाया जा रहा है. हमें हमारी झुग्गियों के बदले घर मिलना चाहिए और फिर हमें यहां से हटाया जाना चाहिए, लेकिन हमें मौका नहीं दिया जा रहा है और हमारे झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है.
बता दें कि हजरत निजामुद्दीन इलाके में झुग्गियों पर भूमि एवं विकास कार्यालय ने कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया है. झुग्गीवासियों को एक हफ्ते पहले ही जगह खाली करने का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई.