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ग्राउंड रिपोर्टः बेसमेंट के छोटे से कमरे में कैद IAS बनने का सपना! पढ़ें- ओल्ड राजेंद्र नगर में किन हालातों में रह रहे छात्र

देश के अलग-अलग हिस्सों से आईएएस बनने का सपना लेकर दिल्ली आने वाले छात्र-छात्राएं यहां छोटे-छोटे और महंगे कमरों में रहने को मजबूर हैं. ये कमरे इतने छोटे होते हैं कि कोई व्यक्ति अपने दोनों हाथ फैलाकर खड़ा भी नहीं हो सकता. इतना ही नहीं, यहां कई पीजी बेसमेंट में भी बने हुए हैं.

इसी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत हो गई थी. (फाइल फोटो-PTI) इसी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत हो गई थी. (फाइल फोटो-PTI)
सुधीर चौधरी
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित Rau's IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को पानी भर गया था. पानी भर जाने के कारण तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई थी. इस हादसे में जिन तीन छात्रों की जान गई थी, उनमें यूपी के आंबेडकर नगर की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले नवीन डाल्विन शामिल थे.

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तीन छात्रों की मौत के बाद ये मुद्दा सड़क से लेकर संसद तक गरमाया हुआ है. इस बीच आजतक के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने ओल्ड राजेंद्र नगर पहुंचकर पड़ताल की और जाना कि कैसे छात्र-छात्राएं यहां छोटे से कमरे में रहकर IAS बनने की तैयारी करते हैं?

आंखों में IAS बनने का सपना लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से आए छात्र-छात्राएं यहां छोटे-छोटे कमरे में रहते हैं. ये कमरे इतने छोटे हैं कि कोई व्यक्ति खड़ा होकर अपने दो हाथ भी पूरी तरह फैला नहीं सकता. छात्राओं का कहना है कि टीचर्स कहते हैं कि मोबाइल एक हाथ की दूरी पर रखा होना चाहिए, ताकि ध्यान न भटके. लेकिन ये कमरे इतने छोटे हैं कि मोबाइल एक हाथ की दूरी पर रखा ही नहीं जा सकता.

इस कमरे में एक बेड है. कपड़े और सामान रखने के लिए एक छोटी अलमारी है. और किताबें रखने के लिए एक रैक है. इस छोटे से एक बेड के कमरे का किराया साढ़े 10 हजार रुपये है. यहां पीजी में रहने वाले छात्रों से पानी के बिल के नाम पर 200 से 300 रुपये लिए जाते हैं जबकि बिजली के लिए 12 रुपये प्रति यूनिट लिए जाते हैं.

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ओल्ड राजेंद्र नगर के गर्ल्स पीजी में सिंगल और डबल बेड के कमरे उपलब्ध हैं. जिन कमरों में दो बेड हैं, उसमें दो लड़कियां रहती हैं और एक का किराया 9 हजार रुपये है. यहां थ्री सीटर कमरे भी हैं, जिसका किराया 27 हजार रुपये है. यानी, एक लड़की हर महीने 9 हजार रुपये का किराया देती है. पीजी में रहने वाली एक छात्रा ने बताया कि कभी-कभी कंजस्टेड फील होता है तो बाहर घूम लेते हैं. 

कई छात्रों ने दावा किया कि बेसमेंट में पीजी बनाना अलाउड नहीं है, लेकिन यहां सब चल रहा है. बारिश के दिनों में पीजी में पानी भर जाता है.

यहां की एक स्थानीय महिला ने बताया कि ड्रेनेज की परेशानी को लेकर एमसीडी में शिकायत की है, लेकिन नाले की सफाई करने कोई नहीं आता. 

देखें ग्राउंड रिपोर्ट का वीडियो

अब तक 7 आरोपी अरेस्ट

शनिवार को हुए इस हादसे के बाद से पुलिस ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. रविवार को पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और कॉर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया था. सोमवार को पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें बिल्डिंग मालिक के बेटे समेत चार रिश्तेदार और उस कार का मालिक शामिल है, जिसके प्रेशर से पानी बिल्डिंग में घुस गया था. सभी आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

इस मामले में राजेंद्र नगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) और 290 (इमारतों को बनाते समय लापरवाही बरतने) के तहत केस दर्ज किया है. 

मामले में पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और कॉर्डिनेटर देशपाल सिंह समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सभी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

वहीं, हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) भी एक्शन मोड में आ गया है. एमसीडी ने बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे 19 कोचिंग संस्थानों को सील कर दिया है. ये एक्शन मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर हुआ है. रविवार को 13 और सोमवार को 6 संस्थानों पर कार्रवाई की गई है.

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने बताया कि इस मामले में JE को टर्मिनेट और AE को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही दिल्ली में नगर निगम से परमिशन लिए बिना चल रहे कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं.

गृह मंत्रालय की कमेटी करेगी जांच

इस हादसे की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में अतिरिक्त सचिव, दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव, दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त, फायर एडवाइजर और गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव सहित कई प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे, जो संयोजक के रूप में काम करेंगे.

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कमेटी हादसे के कारणों का पता लगाएगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीतिगत बदलाव की सिफारिश करेगी. वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मृतकों के परिवार वालों के लिए 10 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है.

कैसे हुआ था हादसा?

अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. शुरुआती जांच में यही सामने आया है कि शनिवार को भारी बारिश हुई थी, जिस कारण सड़क पर पानी भर गया था. ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के कारण यही पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भर गया.

इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें कई छात्र खुद को डूबने से बचाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. एक वीडियो में भारी बारिश के कारण कोचिंग सेंटर का मेन एंट्री गेट गिरता हुआ दिख रहा है, जिस कारण बेसमेंट में पानी भर गया. 

बताया जा रहा है कि बेसमेंट में आने और जाने का रास्ता भी एक ही था. कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि एंट्री-एग्जिट का बायोमेट्रिक सिस्टम खराब हो गया था, जिस कारण छात्र यहां फंस गए थे.

स्टोर रूम बताकर बना ली थी लाइब्रेरी

एमसीडी के अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग सेंटर के बिल्डिंग प्लान को 2021 में मंजूरी दी गई थी. बिल्डिंग के कम्प्लीशन सर्टिफिकेट में साफ-साफ लिखा था कि बेसमेंट को पार्किंग स्पेस या स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मतलब है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी अवैध थी. 

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इतना ही नहीं, कोचिंग सेंटर को इसी महीने फायर एनओसी दी गई थी. इसमें कोचिंग सेंटर को तीन मंजिला इमारत, इमारत के नीचे पार्किंग स्पेस और एक बेसमेंट की मंजूरी मिली थी. इसमें भी यही बताया गया था कि बेसमेंट को स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता से पुलिस ने बेसमेंट में लाइब्रेरी की परमिशन के डॉक्यूमेंट मांगे जो उसके पास नहीं थे.

मामले में पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. अभिषेक गुप्ता ने पूछताछ में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने की बात कबूल की है.

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