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शुगर, दांत दर्द, हाइपरटेंशन... हर चीज की नकली दवा, शामली-गाजियाबाद में बेखौफ चल रही फैक्ट्रियों का यूं हुआ भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर संजय भाटिया ने बताया कि उनके साथ कुछ एक्सपर्ट की टीम बता रही है कि यह दवाई गलत तरीके से बनाई और पैक की गई है. हालांकि इन दवाइयां से खाने पर किसी कैसा असर होता था या किसी को कितना नुकसान होता है यह फॉरेंसिक जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाइयां बनाने की दो फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है. करीब 5 करोड रुपए की नकली दवाइयां और उन दवाइयों को बनाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले रॉ मटेरियल और मशीनरी बरामद की है. इनमें से एक फैक्ट्री सुरेंद्र मलिक नाम का शख्स शामली में चला रहा था, तो विवेक चौहान नाम का दूसरा शख्स नकली दवाओं की एक फैक्ट्री दिल्ली से सटे गाजियाबाद के राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया में चला रहा था. 

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दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी संजय भाटिया ने बताया नकली दवाओं के कारोबार की जानकारी मिलने के बाद कि इस गिरोह का भांडाफोड़ करने के लिए तीन स्पेशल टीमें बनाई गईं. तीनों टीमों ने अपना काम शुरू किया और जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की पहली टीम ने एक एक वैन को रोककर उसकी जांच की तो अंदर से उसे नकली दवाइयों की एक खेप मिली. वैन को जसवीर सिंह नाम का शख्स चला रहा था और उपकार नाम का एक व्यक्ति साथ में बैठा था. अब जब नकली दवा की रिकवरी हो गई तो पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज की और दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू की.

 गिरोह के पहले मॉड्यूल की चेन से पुलिस भी हैरान

पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि वह गीता कॉलोनी के एक मेडिकल हॉल पर यह दवाई सप्लाई करते हैं. पुलिस की टीम जब गीता कॉलोनी के उस मेडिकल हॉल पर पहुंची तो वहां पर अब्दुल बासित नाम का युवक मिला जो इस दुकान को चला रहा था. फिर पुलिस ने अब्दुल बासित को गिरफ्तार कर लिया जिसने पूछताछ में बताया कि यह दुकान तो दानियल की है जिसके कहने पर वह इसे चला था. फिर पुलिस ने दानियल को भी गिरफ्तार कर लिया.

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लेकिन यह कहानी यहीं पर नहीं रुकी, पुलिस को लगा कि दानियल ही वह कड़ी होगा जो इस पूरे मॉड्यूल को चलाता होगा. दानियल ने पुलिस को बताया कि इस दवाई को परवेज नाम का एक शख्स सप्लाई करता है. इसके बाद पुलिस ने परवेज की खोजबीन शुरू की और उसे गिरफ्तार कर लिया. लेकिन परवेज ने यह कह कर पुलिस को चौंका दिया की ये नकली दवा तो पानीपत के एक ट्रांसपोर्ट कंपनी से आती है. 

फिर पुलिस की टीम पानीपत के ट्रांसपोर्ट कंपनी पहुंची और वहां से इन दवाओं को भेजने वाले सोर्स के बारे में पता किया. वहां से पुलिस को पता चला कि इन दवाओं को शामली से अनिल नाम का एक युवक भेजता है. फिर पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार किया. पुलिस की टीम उसे वक्त हैरत में पड़ गई जब उसे पता लगा कि अनिल भी एक मोहरा है.

दरअसल इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड सुरेंद्र मलिक नाम का एक शख्स है जो पहले हिमाचल में नकली दावाओं का कारोबार करता था और फिर बाद में आकर वह शामली से नकली दवाएं बनाने लगा. इस जानकारी के मिलने के बाद पुलिस टीम ने सुरेंद्र मलिक को गिरफ्तार किया और उसकी फैक्ट्री से करोड़ों का माल भी जब्त किया.

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दूसरा मॉड्यूल

वही क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम को भी सफलता मिली और दिल्ली के उत्तम नगर से एक युवक को नकली दावाओं के साथ गिरफ्तार किया. पूछताछ करने पर पता चला कि यह नकली दवा वह गाजियाबाद की एक फैक्ट्री से लेकर आया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद पुलिस के साथ मिलकर राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया में छापेमारी की और विवेक चौहान नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया.

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नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री से सन फार्मा, डॉ. रेड्डी लैब, ग्लेनमार्क जैसी नामी कंपनियों की नकली दवाइयां पकड़ी गई हैं. पुलिस ने फैक्ट्री से भी करोड़ों की नकली दवाइयां और उन्हें बनाने में काम आने वाले केमिकल और मशीनरी बरामद की. पुलिस के मुताबिक इन जगहों से जो दवाइयां बरामद की गई हैं वो लाइव सेविंग ड्रग्स है, जिनका नाम इस प्रकार है-

1-अल्ट्रासेट - अल्ट्रासेट टैबलेट एक दर्द निवारक दवा है. इसका उपयोग इलाज के लिए किया जाता है. मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, मासिक धर्म में ऐंठन और दांत दर्द आदि

2-ग्लोकॉनॉर्म जी 1- इस दवा का उपयोग टाइप 2 मधुमेह के इलाज में किया जाता है

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3-मेलिटस (डीएम)- इसे साथ लेने पर वयस्कों में ब्लड शुगर के स्तर में सुधार होता है.

4-Amaryl-1- इसका उपयोग वयस्कों में टाइप 2 मधुमेह मेलिटस के इलाज के लिए किया जाता है. यह नियंत्रण में मदद करता है. मधुमेह वाले लोगों में ब्लड शुगर का स्तर गंभीर होने से बचाता है.

5-डेफकॉर्ट 6- इसका उपयोग अस्थमा में सूजन (वायुमार्ग की सूजन) के इलाज के लिए किया जाता है. इसके अलावा गठिया (जोड़ों में दर्द और सूजन) और एलर्जी के लिए किया जाता है.

6-डेफकॉर्ट 6एमजी- TABLET का उपयोग आपकी त्वचा, किडनी, हृदय, की समस्याओं के उपचार में भी किया जाता है.

7-ओमेज-डी- ओमेज डी कैप्सूल 

8-मोनोसेफ-ओ:- मोनोसेफ-ओ 200 टैबलेट का उपयोग बैक्टीरिया के इलाज के लिए किया जाता है.

9-पैन-डी:- पैन डी का उपयोग मुख्य रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है

10- Telma-H- टेल्मा एच टैबलेट का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर(उच्च रक्तचाप) के इलाज में किया जाता है.

11- Telma-M- टेल्मा-एएम् टैबलेट का इस्तेमाल हाइपरटेंशन के इलाज में किया जाता है.

12- पेंटोसिड DSR- पैंटोसिड डीएसआर कैप्सूल एक एसिडिटी दवा है. यह एक कॉम्बिनेशन दवा है जिसमें पेंटाप्राजोल और डोम्पेरिडोन मुख्य घटक हैं. 

13- ग्लोकॉनॉर्म जी 2- ग्लूकोनोर्म G2 टैबलेट पीआर एक कॉम्बिनेशन दवा है जो  इन्सुलिन की मात्रा को (अग्नाशय में) बढ़ाती है.

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14-औरजी

15- मॉबीजॉक्स

क्राइम ब्रांच की टीम जब गाजियाबाद की फैक्ट्री पर पहुंची तो पता चला कि विवेक के पिता कुछ नकली दवाएं गाड़ी में लेकर भाग गए हैं. इसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और हिंडन के पास से उन्हें उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह नकली दवाइयों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे थे.

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होगी फॉरेंसिक जांच

दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर संजय भाटिया ने बताया कि उनके साथ कुछ एक्सपर्ट की टीम बता रही है कि यह दवाई गलत तरीके से बनाई और पैक की गई है. हालांकि इन दवाइयां से खाने पर किसी कैसा असर होता था या किसी को कितना नुकसान होता है यह फॉरेंसिक जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.

फिलहाल पुलिस अब इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि इन लोगों ने किन-किन इलाकों में इन नकली दवाइयों को सप्लाई किया गया है. इसके लिए पुलिस आरोपियों के तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की छानबीन कर रही है और उनके बैंक अकाउंट भी खंगाल रही है. साथ ही साथ कुछ कोरियर स्लिप्स भी मिली है जिसके आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि कि कौन लोग जानते हुए भी नकली दवाइयां को खरीद रहे थे.

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