
दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ में मदद करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें दो बांग्लादेशी और दो भारतीय नागरिक शामिल हैं जो कथित तौर पर अवैध रूप से भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ करने में मदद करते थे. एक अधिकारी ने गुरुवार को ये जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए अन्य दो लोगों पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में घुसपैठ कराने और दस्तावेज बनवाने में मदद करने का आरोप है.
डंकी रूट से कराते थे एंट्री
पुलिस ने बताया कि ये गिरोह तीन मॉड्यूल पर काम करता था. ये लोग बांग्लादेश की ओर से लोगों को डंकी रूट से भारत में एंट्री कराते थे. इसके बाद दूसरा मॉड्यूल भारत में इन लोगों को रिसीव करता था और उन्होंने रात में रुकने और फिर असम में ले जाकर वहां से ट्रेन के रास्ते या दूसरे माध्यम से दिल्ली भेजता था. वहीं, तीसरे और अंतिम मॉड्यूल में ये लोगों इनकी दिल्ली में अवैध रूप से बसने में मदद करते थे और फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करते थे.
पुलिस ने जब्त किए फर्जी डॉक्यूमेंट
उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्य परिवहन का प्रबंधन और भारत में उनके रहने के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार करने में मदद करते थे. पुलिस ने उनके पास से फर्जी आधार, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट आवेदन और अन्य डॉक्यूमेंट भी जब्त किया है.
एजेंसी के अनुसार, दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी संजय कुमार जैन ने बताया कि पुलिस ने दो बांग्लादेशी नागरिकों बिलाल हुसैन और उसकी पत्नी सपना के साथ-साथ दो भारतीय नागरिकों अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को भी पकड़ा है. अभी तक इस मामले की जांच में कोई भी पॉलिटिकल एंगल सामने नहीं आया है. ये लोग पूरी तरह पैसे के लालच में अपना नेटवर्क चला रहे थे.
मॉड्यूल का किंगपिंग कौन
पुलिस का कहना है कि इस मामले का अनीश शेख किंगपिंग है जो 15 साल पहले खुद भारत आया था. इसी ने बांग्लादेश की तरफ अपने एजेंट भी रखे हुए हैं. यहां अनीश खुद अपनी पत्नी के साथ इन बांग्लादेशियों को रहने और उनके डॉक्यूमेंट बनाने में मदद करते थे.
38 बांग्लादेशियों को किया जा चुका है डिपोर्ट
पुलिस ने ये भी बताया कि साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस 12 बांग्लादेशियों और 31 अफ्रीकन को साल 2024 में डिपोर्ट करा चुकी है. ये साउथ डिस्ट्रिक्ट का आंकड़ा है. इसके अलावा साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट अभी तक 26 बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर चुका है. दोनों डिस्ट्रिक्ट मिलाकर अभी तक टोटल 38 बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर चुकी है.