
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ महिला पहलवानों के आरोपों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने करीब 208 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. एसआईटी सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों के बयान लिए गए हैं, उनमें बृजभूषण के सहकर्मी, रिश्तेदार, सहयोगियों के परिवार वालों से उनके व्यवहार और बर्ताव के बारे में पूछा गया है.
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण अपने करीबियों, सहयोगियों के साथ किस तरीके से पेश आते हैं, ये सब भी पता किया गया है. गोंडा के अलावा दो बार दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के दिल्ली आवास पर जाकर भी जांच की है क्योंकि दिल्ली में जंतर मंतर के पास मौजूद उनके आवास पर विनेश ने छेड़खानी का आरोप लगाया था.
पुलिस ने 2016-17 की सीसीटीवी फुटेज निकालने की कोशिश की है, लेकिन पुरानी फुटेज का बैकअप पुलिस को नहीं मिल पाया है. गोंडा में जाकर एसआईटी ने एफआईआर में दर्ज टाइमलाइन को समझने की कोशिश की है.
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस दोनों ही मामलों में इसी हफ्ते में कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर देगी. ये रिपोर्ट पहले दाखिल होनी थी, लेकिन कुछ और लोगों के बयान का इंतजार किया जा रहा है जो इस हफ्ते में पूरे हो जाएंगे. दिल्ली पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है.
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के दो बार बयान दर्ज किए हैं और वो इस बात पर लगातार अड़े हुए हैं कि विनेश और दूसरे खिलाड़ियों द्वारा जिस तारीख का जिक्र किया गया है, पुलिस अगर ढंग से रिकॉर्ड खंगाले तो पता लग जाएगा मैं उन लोकेशन्स पर ही नहीं था. पुलिस ने कॉल रिकार्ड्स और वाट्सऐप की हिस्ट्री भी निकाली है जिन्हें अभी वैरिफाई किया जा रहा है. इस हफ्ते स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने से पहले जरूरत पड़ने पर एसआईटी की टीम फिर से गोंडा जा सकती है.
नाबालिग पहलवान बयान से पलटी
बता दें कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे. सात शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग पहलवान ने POCSO में शिकायत की थी, जिसे पीड़िता ने बदल दिया है. अब उसने बयान में बदलाव करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया है. दो जून को कुश्ती की नाबालिग पहलवान का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बताया था गंभीर मामला
महिला पहलवानों की शिकायत के बाद कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गईं, इनमें एक पोक्सो एक्ट के तहत थी. 21 अप्रैल को एक नाबालिग समेत सात महिला रेसलर ने शिकायत की थी. 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की अपील सुनकर इसे गंभीर मामला बताया था और दो दिन में दिल्ली पुलिस को जवाब देने के लिए कहा था. तब जाकर 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि हम बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे.