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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने लॉरेंश बिश्नोई सहित कई गैंगस्टर्स के खिलाफ एक्शन लिया है. जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गैंगस्टर्स और उनसे जुड़े गुर्गों के ठिकानों पर रात भर छापेमारी चली है. सूत्रों के मुताबिक, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, कौशल चौधरी गैंग, हिमांशु भाऊ गैंग, काला जठेड़ी, हाशिम बाबा, छेनू गैंग, गोगी गैंग, नीरज बवानिया, टिल्लू ताजपुरिया गैंग से जुड़े एक्टिव लोगों और वॉन्टेड बदमाशो के ठिकानों में छापेमारी हुई है. इस दौरान कुछ बदमाशों को हिरासत में भी लिया गया है और सभी पूछताछ चल रही है.
पुलिस ने छापेमारी से पहले जानकारी जुटाई थी. इसके बाद पूरी तैयारी के साथ बाहरी दिल्ली के इलाके, द्वारका के इलाके, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, नरेला, कंझावला और संगम विहार जैसे इलाकों में दिल्ली पुलिस के द्वारा छापोमारी की गई. इस छापेमारी में स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और जिले की स्पेशल स्टाफ और लोकल थाना की पुलिस शामिल थी.
लॉरेंस बिश्नोई ने कैसे खड़ा किया गैंग?
इन दिनों लॉरेंस गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. लॉरेंस की ओर से धमकी दी गई है कि सलमान खान और दाऊद गैंग की मदद करने वाले अपना हिसाब-किताब रखें. इसके बाद से पुलिस को शक है कि सलमान खान से करीबी के चलते ही बाबा सिद्दीकी की हत्या की गई. ऐसा पहली बार नहीं है कि बिश्नोई गैंग ने हत्या की किसी वारदात को अंजाम दिया हो, इससे पहले भी पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की कराई गई थी. उसकी गैंग में देश और विदेशों में 700 से ज्यादा शूटर शामिल बताए जाते हैं. आखिर कॉलेज में पढ़ने वाला एक स्टूडेंट जरायम की दुनिया में दाखिल क्यों हुआ?
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म पंजाब के फिरोजपुर जिले में हुआ था. उसके पिता हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल थे. हालांकि बाद में उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़कर खेती शुरू की. लॉरेंस ने 12वीं तक की पढ़ाई अबोहर जिले से की, इसके बाद आगे की पढ़ाई चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से. यहां लॉरेंस को पॉलिटिक्स में दिलचस्पी हुई और वो स्टूडेंट पॉलिटिक्स में शामिल हुआ.
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यूनिवर्सिटी में गोल्डी बराड़ से दोस्ती
यही वो वक्त था, जब लॉरेंस बिश्नोई जरायम की दुनिया के अपने दोस्त गोल्डी बराड़ के संपर्क में आया. जब लॉरेंस स्टूडेंट पॉलिटिक्स में शामिल हुआ तो उस समय गोल्डी बराड़ पंजाब यूनिबर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था. दोनों ने एक साथ छात्र राजनीति में एंट्री की, लेकिन दूसरे गुट से टकराव की वजह से जरायम की दुनिया में आ गए. इसमें एंट्री से पहले लॉरेंस बिश्नोई एलएलबी कर चुका था. इसी दौरान पर उस पर हमला, हत्या के प्रयास, डकैती समेत कई मामलों में केस दर्ज हुए. इनमें से कई मामलों में लॉरेंस बरी हो चुका है, लेकिन अभी भी उस पर कई केस चल रहे हैं.
जेल के अंदर से किया गैंग का विस्तार
इन मामलों की वजह से लॉरेंस बिश्नोई को जेल भेज गया, लेकिन जेल जाना लॉरेंस बिश्नोई को फायदे का सौदा साबित हुआ. जो काम वो जेल के बाहर से नहीं कर सकता था, वो जेल के अंदर जाकर कर पाया. दरअसल जेल के अंदर जाने के बाद वो कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया और उनके साथ मिलकर उसने अपनी गैंग का विस्तार किया. इसी दौरान वो हथियार डीलरों के संपर्क में भी आया. ऐसा कहा जाता है कि धाक जमाने के लिए उसने लुधियाना में नगर निगम का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसे राजस्थान पुलिस ने 2014 में गिरफ्तार कर लिया था.
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क्या है लॉरेंस बिश्नोई गैंग की क्राइम कुंडली?
लॉरेंस बिश्नोई का गैंग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय है. इस गैंग की गतिविधियां विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली, सुपारी किलिंग और अन्य संगठित अपराधों से जुड़ी हुई हैं. बिश्नोई गैंग व्यवसायियों, बिल्डरों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों से जबरन वसूली करने के लिए कुख्यात है. इस गैंग के सदस्यों ने बार-बार कई व्यवसायियों और सेलेब्रिटीज को धमकी दी है. गैंग का कई हत्या और हत्या के प्रयासों में नाम सामने आया है. बिश्नोई गैंग सुपारी लेकर हत्या करने में भी शामिल है. पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में इस गैंग की मादक पदार्थों की तस्करी में बड़ी भूमिका है.