Advertisement

दिल्ली स्कूल बम थ्रेट: इस्लामिक स्टेट जैसी भाषा... बदमाशों ने क्यों किया रूसी मेल सर्विस का इस्तेमाल?

ऐसा प्रतीत होता है कि ईमेल भेजने वालों ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की प्रचार सामग्री द्वारा इस्तेमाल की गई शैली की नकल की है. उदाहरण के तौर पर, ईमेल के यूजर का नाम 'Sawariim' है, जो 'al-Sawarim' शब्द का विरूपण है, जिसका अरबी में अनुवाद 'The Swords' होता है. व्यापक संदर्भ में समझें तो यह शब्द जिहादी प्रोपेगेंडा से जुड़ा है.

बदमाशों ने क्यों किया रूसी ईमेल सर्विस का इस्तेमाल? बदमाशों ने क्यों किया रूसी ईमेल सर्विस का इस्तेमाल?
शुभम तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2024,
  • अपडेटेड 6:44 AM IST

दिल्ली-एनसीआर के लगभग 100 स्कूलों को भेजे गए बम अफवाह वाले ईमेल के अपराधियों ने एक रूसी ईमेल सर्विस का इस्तेमाल किया था. यह सर्विस यूजर्स को गुमनाम रहने और अवैध गतिविधियों को छिपाने में मदद करती है.

इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने एक स्कूल को भेजे गए ईमेल का प्रारंभिक फोरेंसिक विश्लेषण किया. इससे पता चला कि ईमेल भेजने वाले ने संभवत: रूसी ईमेल सर्विस mail.ru को कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी थी. इस सर्विस का स्वामित्व सोशल मीडिया और नेटवर्किंग साइट VK या VKontakte के पास है.

Advertisement

टेंपरेरी ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल

सेंडर savariim@mail.ru ने टेम्पेल नामक एक फ्री ईमेल सर्विस का इस्तेमाल किया जो टेंपरेरी ईमेल एड्रेस प्रदान करती है 'जो 1 घंटे के बाद खत्म हो जाते हैं'. अपनी वेबसाइट पर, टेम्पेल का दावा है कि उसकी टेंपरेरी आईडी का इस्तेमाल वेबसाइटों और फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साइन अप करने के लिए किया जा सकता है. इनका इस्तेमाल ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है. 

हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि एक ईमेल एड्रेस 'yus*******@gufum.com' को saveariim@mail.ru बनाते समय बैकअप ईमेल अकाउंट के रूप में प्रदान किया गया था. कई ईमेल वैलिडेटर्स ने gufum.com को एक अस्थायी ईमेल डोमेन के रूप में पहचाना है. 

इंडिया टुडे ने मिनटों के भीतर उसी अस्थायी ईमेल प्रोवाइडर का इस्तेमाल करके mail.ru पर एक फर्जी ईमेल एड्रेस बना लिया और इसके लिए कोई ठोस जानकारी नहीं देनी पड़ी. यह ईमेल एड्रेस अब खत्म कर दिया गया है.

Advertisement

इस्लामिक स्टेट की नकल का प्रयास

ऐसा प्रतीत होता है कि ईमेल भेजने वालों ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की प्रचार सामग्री द्वारा इस्तेमाल की गई शैली की नकल की है. उदाहरण के तौर पर, ईमेल के यूजर का नाम 'Sawariim' है, जो 'al-Sawarim' शब्द का विरूपण है, जिसका अरबी में अनुवाद 'The Swords' होता है. व्यापक संदर्भ में समझें तो यह शब्द जिहादी प्रोपेगेंडा से जुड़ा है.

जिहादी शब्दावली में 'Sawarim' व्यापक रूप से 'Salil al-Sawarim' से जुड़ा हुआ है जो 2014 में आईएस द्वारा बनाया गया एक नशीद है जिसके बोल में खून-खराबा और जंग का जिक्र है. लेकिन क्या संभावना है कि आईएस ने ये धमकी भरे ईमेल भेजे होंगे? इसकी संभावना बेहद कम है. दिल्ली पुलिस ने इन खतरों को 'hoax' के रूप में वर्गीकृत किया है. 

आईएस की भाषा शैली से परिचित हैं सेंडर

धमकी भरे ईमेल में लिखा है, 'स्कूल में कई विस्फोटक डिवाइस हैं'. यह 'ल्यूसिडा कंसोल' जैसे फॉन्ट में बड़े अक्षरों में लिखा गया है. बाकी टेक्स्ट कुरान की आयतों के अंग्रेजी वर्जन को होस्ट करने वाली ऑनलाइन वेबसाइटों से लिया गया है. इस्लामिक स्टेट की शैली और भाषा उन उपद्रवियों के बीच आम बात है जो चाहते हैं कि उनकी धमकी वास्तविक दिखे. ईमेल को करीब से देखने पर यह भी पता चलता है कि भेजने वालों के पास अच्छी तकनीकी समझ है और वे आईएस की भाषा से परिचित हैं.

Advertisement

टेंपरेरी ईमेल के फायदे-नुकसान दोनों

टेंपरेरी ईमेल, जिन्हें डिस्पोजेबल या बर्नर ईमेल भी कहा जाता है, यूजर्स की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए होते हैं. ये सर्विसेस ऐसे ईमेल एड्रेस बनाने की सुविधा देती हैं जो छोटी अवधि के लिए वैध होते हैं. इनका इस्तेमाल अक्सर अविश्वसनीय या स्पैम भेजने वाली वेबसाइटों के लिए साइन अप करते समय किया जाता है. 

अपनी मुख्य ईमेल के बजाय एक अस्थायी ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल करके, यूजर अपनी पर्सनल मेल को अविश्वसनीय वेबसाइटों से जुड़े संभावित सुरक्षा जोखिमों से बचा सकते हैं. ये ईमेल एड्रेस उन स्थितियों में भी उपयोगी साबित होते हैं जहां उपयोगकर्ताओं को केवल एक ईमेल की आवश्यकता होती है, जैसे किसी डाउनलोड या प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण के दौरान. लेकिन जैसा कि किसी भी अच्छी तकनीक के मामले में होता है, टेंपरेरी ईमेल का इस्तेमाल अक्सर दुनियाभर में अवैध और असामाजिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है.

दिल्ली-NCR में फैली दहशत

दिल्ली-NCR के 80 से ज्यादा स्कूलों और उसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चों के साथ-साथ उनके मां-बाप के लिए बुधवार की सुबह दहशत भरी रही. इन स्कूलों को एक साथ, एक ही जैसे ईमेल मिले, जिनमें स्कूलों को बम से उड़ाने और हिंसा का तांडव मचाने की धमकी दी गई थी. ईमेल मिलने के बाद से ही पुलिस ने सभी स्कूलों में जाकर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. डॉग और बम स्क्वॉड के साथ स्कूलों में पहुंची. बाद में खुलासा हुआ कि धमकी भरा ईमेल फर्जी था. पुलिस ने परिजनों से पैनिक न करने की अपील की.

Advertisement

दिल्ली के स्कूलों को अक्सर इसी तरह धमकी भरे ईमेल किए जाते रहे हैं. फरवरी महीने में दिल्ली के आरकेपुरम स्थित डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल को इसी तरह का ईमेल किया गया था. साकेत के एमिटी स्कूल को भी फरवरी में इसी तरह का ईमेल किया गया था. इस ईमेल में स्कूल से पैसे भी मांगे गए थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement