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स्कूलों को धमकी भेजने वाला IP एड्रेस कहां का था, कब बनी ID... दिल्ली पुलिस ने Mail.ru से मांगा जवाब

स्पेशल सेल ने Mail.ru से ये भी जानकारी मांगी गई है कि sawariim@mail.ru नाम से आईडी कब बनाई गई और किसने बनाई है. स्कूलों को जब मेल की गई तो कहां के IP एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है. Mail.ru के जवाब के बाद ही स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंट ये जान पाएगी की कौन वो शख्स है जिसने भारत मे ये ईमेल भेजे थे.

अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:00 PM IST

दिल्ली-NCR के 80 से ज्यादा स्कूलों और उसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चों के साथ-साथ उनके मां-बाप के लिए बुधवार की सुबह दहशत भरी रही. इन स्कूलों को एक साथ, एक ही जैसे ईमेल मिले, जिनमें स्कूलों को बम से उड़ाने और हिंसा का तांडव मचाने की धमकी दी गई थी. ईमेल मिलने के बाद से ही पुलिस ने सभी स्कूलों में जाकर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. पुलिस इस मामले में जांच में जुटी है. इसी कड़ी में स्पेशल सेल ने  इंटरपोल की मदद से mail. ru यानी ( रशिया, जिसका सर्वर मॉस्को में है ) को नोटिस भेज दिया है.

स्पेशल सेल ने स्कूलों को धमकी भरे मेल करने वाले शख्स की पहचान करने के लिए सीबीआई के ज़रिए इंटरपोल की मदद से mail. ru यानी ( रशिया, जिसका सर्वर मॉस्को में है ) को नोटिस भेज दिया है. नोटिस के जरिए स्पेशल सेल ये पता करना चाहती है कि जिस समय उनके mail.ru से इस मेल आईडी से मेल किए गए है उसका IP एड्रेस कहाँ का इस्तेमाल किया गया था.

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Mail.ru से ये भी जानकारी मांगी गई है कि sawariim@mail.ru नाम से आईडी कब बनाई गई और किसने बनाई है. स्कूलों को जब मेल की गई तो कहां के IP एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है. Mail.ru के जवाब के बाद ही स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंट ये जान पाएगी की कौन वो शख्स है जिसने भारत मे ये ईमेल भेजे थे. हालांकि स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस को लगता है कि मेल भेजने वाले ने सीधे mail.ru के IP एड्रेस से मेल नहीं भेजें होंगे, बहुत मुमकिन है कि मेल भेजने से पहले डार्क नेट पर जाकर किसी प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करके mail.ru से मेल किया होगा. 

स्पेशल सेल ने जहां-जहां मेल भेजे हैं, वहां के जवाब का इंतजार है. जिसके आने के बाद ही जांच आगे बढ़ पाएगी, हालांकि स्पेशल सेल इसके अलावा भी दूसरे तरीके से मेल भेजने वाले कि पहचान करने की कोशिश कर रही है.

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बता दें कि बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के करीब 150 स्कूलों को बम की अफवाह वाला ईमेल भेजा गया था. इसके लिए अपराधियों ने एक रूसी ईमेल सर्विस का इस्तेमाल किया था. यह सर्विस यूजर्स को गुमनाम रहने और अवैध गतिविधियों को छिपाने में मदद करती है. इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने एक स्कूल को भेजे गए ईमेल का प्रारंभिक फोरेंसिक विश्लेषण किया. इससे पता चला कि ईमेल भेजने वाले ने संभवत: रूसी ईमेल सर्विस mail.ru को कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी थी. इस सर्विस का स्वामित्व सोशल मीडिया और नेटवर्किंग साइट VK या VKontakte के पास है.

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