
दिल्ली-एनसीआर के 200 से ज्यादा स्कूलों को बम में उड़ाने की धमकी वाले ई-मेल मिलने के बाद, पुलिस मामले की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गुरुवार को ई-मेल के सटीक सोर्स का पता लगाने के लिए इंटरपोल के जरिए रूसी मेलिंग सेवा कंपनी Mail.ru से संपर्क किया. एजेंसी के मुताबिक पुलिस ने सीबीआई को भी पत्र लिखकर धमकी भरे ई-मेल के बारे में इंटरपोल चैनलों के जरिए जानकारी मुहैया करवाने की मांग की है.
मामले के संबंध में दर्ज की गई FIR में कहा गया है कि स्कूलों को मिले बम की अफवाह वाले ई-मेल का इरादा बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करना और राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना था.
दिल्ली-एनसीआर के 200 से ज्यादा स्कूलों को बुधवार सुबह ई-मेल के जरिए बम की झूठी धमकी मिली, जिससे अभिभावकों और छात्रों में व्यापक दहशत फैल गई. मामले के बाद स्कूलों की कक्षाएं रद्द करनी पड़ीं और अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूलों से ले जाने के लिए कहा गया.
जांच में खुफिया टीमों का इस्तेमाल
पुलिस सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने ई-मेल आईडी - 'savariim@mail.ru' की जांच करने के लिए अपनी सोशल मीडिया खुफिया टीमों का इस्तेमाल किया है. इसी ई-मेल एड्रेस से स्कूलों को धमकी भरे मेल भेजे गए थे. डिवाइस के आईपी एड्रेस (इंटरनेट प्रोटोकॉल) का पता लगाने के लिए रूसी कंपनी से संपर्क किया है.
पुलिस के मुताबिक, जांच करने वाले अधिकारियों को संदेह है कि धमकी भेजने वाले शख्स ने ई-मेल भेजते वक्त अपनी पहचान छिपाने के लिए वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल किया है. पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि दक्षिण दिल्ली के एक स्कूल को भी 2023 में एक फर्जी धमकी भरा ई-मेल मिला था. इस दौरान भी इसी मेल सर्विस, mail.ru का इस्तेमाल किया गया था. अधिकारी ने बताया कि उस मामले में भी मेल भेजने वाले का पता नहीं लगाया जा सका है.
लेकिन नए मामले में, दिल्ली पुलिस ने इंटरपोल के जरिए कंपनी को पत्र लिखा है, जो एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है और दुनिया भर में पुलिस सहयोग की सुविधा प्रदान करता है. पुलिस ने कंपनी से धमकी भरा मेल भेजने वाले तक पहुंचने में मदद मांगी है.
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धमकी देने वाले तक पहुंचना मुश्किल
एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के मुताबिक, अगर मेल भेजने वाले ने वीपीएन या प्रॉक्सी सर्वर का उपयोग किया होगा, तो उसके आईपी एड्रेस को ट्रैक करना मुश्किल हो सकता है.
एजेंसी के मुताबिक जिन स्कूलों को धमकी भरा मेल आया था, उनमें बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हुई है.
नई एडवाइजरी जारी कर सकते हैं स्कूल
अब सभी स्कूल, अभिभावकों को एक नई एडवाइजरी जारी करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें उनसे अपने बच्चों को क्लास करने के लिए भेजने को जाएगा और उन्हें आश्वस्त किया जाएगा कि बम के खतरों से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है.
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जांच करने वाले अधिकारी मामले को सुलझाने के लिए IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) और भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) सहित अन्य एजेंसियों की भी मदद ले रहे हैं.
मामले में, आईपीसी की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी), और 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) के तहत स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है.