
पूर्व सांसद शरद यादव ने आखिरकार दिल्ली में 7, तुगलक रोड वाला सरकारी आवास खाली कर दिया है. वे यहां करीब 22 सालों से रह रहे थे. इससे पहले यादव ने लुटियंस जोन में भी काफी वक्त बिताया. मंगलवार को शरद यादव ने अपने सरकारी आवास को अलविदा कहा. घर छोड़ते वक्त शरद यादव ने कहा कि इस घर से कई लड़ाइयां लड़ी गई हैं. यहां पर कई सारी यादें जुड़ी हैं.
शरद यादव की बेटी सुभाशिनी यादव ने एक ट्वीट किया और कहा- तुगलकरोड पर 23 साल की सफल यात्रा को समाप्त करते हुए 48 साल के शुद्ध, समर्पित और निस्वार्थ योगदान समाज के उत्थान के लिए रहा. अब नई शुरुआत की प्रतीक्षा में. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने 2018 में जेडीयू से बगावत कर लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन किया था. बाद में इस पार्टी का विलय उन्होंने राजद में कर दिया था.
इससे पहले शरद यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और शीर्ष अदालत से मांग की थी कि दिल्ली में उन्हें मिला बंगला खाली ना कराया जाए. दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 मार्च को उन्हें 15 दिनों के अंदर बंगला खाली करने का आदेश दिया था. शरद यादव पिछले 22 सालों से इस बंगले में रह रहे थे. पार्टी में अंदरूनी विवाद और मतभेद के बाद दिसंबर 2017 में शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, उन्होंने अपनी अयोग्यता को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है. मामला फिलहाल हाई कोर्ट में लंबित है.
वहीं, इससे पहले एलजेपी नेता चिराग पासवान ने भी 12 जनपथ स्थित अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था. ये बंगला चिराग के पिता रामविलास पासवान के नाम पर अलॉट था. वे केंद्र सरकार में मंत्री थे. उनके निधन के बाद चिराग और उनकी मां यहां रह रही थीं. वहीं, हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपना सरकारी बंगला खाली किया है. वे त्यागराज रोड पर टाइप 8 वाले बड़े सरकारी आवास में रह रही थीं. ऐसे आवास आम तौर पर सीनियर मंत्रियों और सुप्रीम कोर्ट के जज को ही मिलते हैं. मायावती फिलहाल किसी सदन की सदस्य नहीं हैं.