
दिल्ली जल संकट पर इंडिया टुडे की स्पेशल रिपोर्ट में खुलासे के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना एक्शन मोड में हैं. उन्होंने टैंकर माफियाओं के भ्रष्टाचार से निपटने के लिए मुनक नहर पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कहा है कि नहर पर सख्त नजर रखी जाए ताकि टैंकर माफियाओं द्वारा पानी की चोरी को रोका जा सके.
दिल्ली के एलजी ने साथ ही कहा है कि ऐसे लोगों को पकड़ा जाए, जो पहले ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल रहे हैं. उन्होंने माफियाओं के खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही एलजी ने कार्रवाई की रिपोर्ट एक सप्ताह में उनके सामने पेश करने को कहा है.
राजधानी में चल रही पानी की चोरी
गौरतलब है कि इंडिया टुडे/आजतक ने बीते दिनों दिल्ली के संगम विहार से लेकर बवाना तक पानी की चोरी को लेकर एक स्पेशल रिपोर्ट की थी. आजतक की अंडरकवर टीम ने टैंकर माफियाओं का पर्दाफाश किया था, जिससे पता चला कि जल संकट के बीच राजधानी में बड़े स्तर पर पानी की चोरी चल रही है.
इंडिया टुडे ने दिल्ली के बवाना को लेकर बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया, जिससे पानी और टैंकर माफिया के एक बड़े नेक्सस का पता चला. ये पानी माफिया इंडस्ट्रीज को तो खूब पानी मुहैया करा रहे हैं और अपना पॉकेट गर्म कर रहे हैं लेकिन दिल्ली को प्यासा छोड़ दिया है.
इंडस्ट्रीज को बड़े पैमाने पर हो रही पानी की सप्लाई
बवाना को 1999 में दिल्ली सरकार द्वारा विकसित किया गया था, और इसका मैनेजमेंट दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के हाथों में दिया गया था - मकसद था कि इसे एक मॉडल इंडस्ट्रियल एस्टेट के रूप में विकसित किया जाएगा. आज आलम ये है कि यहां बड़े स्तर पर पानी की चोरी हो रही है, जो मनमानी कीमतों पर इंडस्ट्रीज को सप्लाई किया जाता है.
इंडिया टुडे/आजतक की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पता लगाया कि इंडस्ट्रीज को बेरोकटोक पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन बवानावासियों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. मुनक नहर की दिल्ली सबब्रांच के आसपास बड़े पैमाने पर अवैध बोरवेल का संचालन किया जा रहा है. इसी मुनक नहर के जरिए हरियाणा से दिल्ली को पानी सप्लाई किया जाता है.
दिल्ली में बोरवेल पर प्रतिबंध, लेकिन टैंकर माफिया का राज
पूरी दिल्ली में बोरवेल पर प्रतिबंध है, लेकिन बवाना में 16,000 से ज्यादा प्लॉट्स हैं, जिनमें 1000-1200 यूनिट्स में स्वीकृत बोरवेल हैं, जिन्हें दिल्ली नगर निगम से 99 साल की लीज पर लिया गया है. बवाना के कुछ सूत्रों का कहना है कि अधिकांश यूनिट्स मीटर वाले पानी कनेक्शन से बचते हैं और टैंकर माफियाओं पर निर्भर रहते हैं.
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स्टिंग के दौरान टैंकर माफिया के सदस्य संजय दहिया ने उनके संचालन की सीमा का खुलासा किया. टैंकर माफिया संजय दहिया ने कहा, “हम रोजाना पानी की आपूर्ति कर सकते हैं, हालांकि कभी-कभी एक या दो घंटे की देरी हो सकती है. सेक्टर 5, ब्लॉक बी में 5,000 लीटर के लिए 1,200 रुपये और सेक्टर 2 में 800 रुपये का रेट है. हम नहर के पास से पानी लाते हैं. पुलिस के हस्तक्षेप की कोई चिंता नहीं है; हम उन्हें हर महीने रिश्वत देते हैं."
बड़े स्तर पर रिश्वत और भ्रष्टाचार
स्टिंग से पता चला कि टैंकर माफिया अवैध शराब फैक्ट्रियों को रोजाना 20,000 से 30,000 लीटर पानी की आपूर्ति करते हैं, जिसके लिए पुलिस और अन्य अधिकारियों को रिश्वत दी जाती है. एक अन्य माफिया सदस्य लीला ने इन रिश्वतों के कारण संचालन में आसानी की बात कही. टैंकर माफिया लीला सहरावत ने कहा, "आपको बस टैंकर की व्यवस्था करने की जरूरत है; पुलिस और एसडीएम की रिश्वत का खर्च हमारी चिंता है, आपकी नहीं."