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Article 370: धारा 370-परिसीमन को लेकर सुप्रीम कोर्ट गर्मियों की छुट्टी के बाद करेगा सुनवाई

Article 370: अनुच्छेद 370 खत्म करने, जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST
  • छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
  • मामला पांच जजों की पीठ सुनेगी केस

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और लोकसभा-विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के मामले में सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई करेगा. सोमवार को वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े ने यह मामला चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अगुवाई वाली पीठ के सामने मेंशन किया.

चीफ जस्टिस ने कहा कि ये मामला पांच जजों की पीठ सुनेगी. अभी जजों का एकसाथ समय निकाल पाना थोड़ा मुश्किल है. गर्मी की छुट्टियों के बाद समुचित पीठ का गठन कर इस मसले को सुना जाएगा.

वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े ने CJI से कहा कि यह मुद्दा परिसीमन से जुड़ा हुआ है. नए केंद्र शासित प्रदेश की परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने वाली है. इसलिए इस मामले पर अगले हफ्ते ही सुनवाई की जाए.

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सुनवाई के लिए SC में लंबित है याचिका

बता दें कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने, जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. CJI ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 से जुड़े मामले पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी. फिलहाल जजों और बेंच की उपलब्धता की समस्या है. इसलिए छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी.

सुनवाई कर रहे 5 में 4 जज रिटायर हुए

बता दें कि जिन 5 जजों की बेंच ने शुरुआत में मामले की सुनवाई की थी, उनमें अब सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत जनवरी 2022 में रिटायर हो चुके हैं, जबकि CJI एनवी रमना अगस्त 2022 के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

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आर्टिकल 370 हटाने पर लगीं थी 24 याचिकाएं

बता दें कि संसद में 6 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को निरस्त करने का प्रस्तावों पारित किया गया था. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ 24 याचिकाएं और कई आवेदन सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर किए गए थे. 

कोरोना के कारण ठीक से नहीं हो पाई सुनवाई

अगस्त 2019 में याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई हुई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया था. नवंबर और दिसंबर 2019 में और जनवरी 2020 में भी सुनवाई हुई. अदालत ने इस मुद्दे पर विचार किया कि क्या इन मामलों की सुनवाई 7 जजों की बेंच को करनी चाहिए. 2 मार्च 2020 को, अदालत ने फैसला किया कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने के मुद्दे को 5 जजों की बेंच सुन सकती है. इसके लिए 7 जजों की संविधान पीठ की सुनवाई की जरूरत नहीं है. कोरोना महामारी के बाद वर्चुअल हियरिंग मोड में सुनवाई होने के चलते इस मामले में अब तक सुनवाई नहीं हो सकी. 2021 में तत्काल सुनवाई के लिए इस मुद्दे का उल्लेख किया गया, लेकिन पीठ का गठन नहीं किया जा सका.

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