Advertisement

जस्टिस यशवंत वर्मा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग, सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार

याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए क्योंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन जजों की कमेटी बनाने का कोई औचित्य नहीं है. पुलिस को अब जांच की कार्रवाई शुरू करनी चाहिए.

जस्टिस यशवंत वर्मा जस्टिस यशवंत वर्मा
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर कथित तौर पर नोटों का ढेर मिलने के मामले में दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली पीठ के समक्ष इस मामले की मेंशनिंग की गई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा है.
 
याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए क्योंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन जजों की कमेटी बनाने का कोई औचित्य नहीं है. पुलिस को अब जांच की कार्रवाई शुरू करनी चाहिए.

Advertisement

'जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए'

याचिका में न्यायपालिका के सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को प्रभावी और सार्थक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है. उसमें न्यायिक मानक और जवाबदेही विधेयक, 2010 को दोबारा लाने की मांग की है जो लैप्स हो गया था.

बुधवार को सुबह मेंशनिंग के दौरान जब याचिकाकर्ता वकील मैथ्यूज नेदुमपारा ने कहा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज होनी ही चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस बाबत आप कोई भी पब्लिक स्टेटमेंट ना दें.

सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार

इस पर नेदुमपारा ने कहा कि कोर्ट ने जले नोटों की तस्वीरें जारी कर अति उत्तम कार्य किया है. सह याचिका कर्ता के वकील ने दलील दी कि जस्टिस वर्मा की जगह कोई कारोबारी होता तो उसे थोड़े ही शक का फायदा मिलता. ईडी आईटी सब पीछे पड़ जाते. मैं भी कारोबारी हूं. सीजेआई ने कहा कि आप रजिस्ट्री से संपर्क करें. आपकी अर्जी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement