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'बांग्लादेश से फैल रहा है पश्चिम बंगाल में डेंगू, सीमा पर हो जरूरी जांच', बोलीं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनके राज्य में डेंगू की बीमारी पड़ोसी देश बांग्लादेश से फैल रही है. सीएम बनर्जी ने कहा कि लोगों की एंट्री को तो रोक नहीं सकते हैं लेकिन इसके लिए सीमा पर जरूरी जांच होनी चाहिए.

पड़ोसी देश बांग्लादेश से वेस्ट बंगाल में फैला रहा है डेंगू- ममता बनर्जी पड़ोसी देश बांग्लादेश से वेस्ट बंगाल में फैला रहा है डेंगू- ममता बनर्जी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि राज्य में डेंगू पड़ोसी देश बांग्लादेश से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि सीमा पर आवश्यक परीक्षण किए जाने चाहिए. विधानसभा में बोलते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा,'पश्चिम बंगाल में डेंगू बांग्लादेश से फैल रहा है. किसी को भी (बांग्लादेश से) प्रवेश करने से न रोका जाए. लेकिन सीमा पर निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए और पड़ोसी देश से भारत में प्रवेश करने वालों की आवश्यक जांच की जानी चाहिए.'

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बांग्लादेश के मंत्री का बयान

जब पूछा गया कि पश्चिम बंगाल प्रशासन बांग्लादेश से पूर्वी राज्य में प्रवेश करने वालों पर परीक्षण करने के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है? तो पड़ोसी देश के सूचना मंत्री हसन महमूद, जो इस समय कोलकाता में हैं, ने कहा कि उनकी सरकार को इस तरह के उपाय से कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, 'अगर एहतियात के तौर पर भारत ये कदम उठाना चाहता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. हम अपने देश में डेंगू की समस्या से निपटने के लिए सब कुछ कर रहे हैं. कोविड काल के दौरान भी ऐसे उपाय लागू थे.'

चार लोगों की हो चुकी है मौत

इस बीच, मुख्य सचिव एच के द्विवेदी ने मानसून सीजन में डेंगू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए सभी जिलाधिकारियों और जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस साल इस बीमारी के कारण कोलकाता के पिकनिक गार्डन इलाके की 10 वर्षीय लड़की सहित राज्य में चार लोगों की मौत हो गई है.

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डेंगू के घातक रूप (Severe dengue)
डेंगू संक्रमण चार अलग-अलग स्ट्रेन के वायरस से फैलता है जिन्हें सीरोटाइप कहा जाता है. ये चारों अलग-अलग तरीके से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं. स्ट्रेन के हिसाब से डेंगू घातक रूप भी ले सकता है जैसे कि डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS). इन्हें गंभीर डेंगू भी कहा जाता है. हालांकि, डेंगू का ये रूप बहुत कम लोगों में मिलता है. गंभीर डेंगू किसी को भी हो सकता है लेकिन इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है. WHO के मुताबिक, शुरुआती लक्षणों को पहचान कर सही से इलाज कराने से मृत्यु दर एक फीसदी से कम हो जाता है.  

गंभीर डेंगू होने पर क्या होता है
अगर मरीज को गंभीर डेंगू हो जाता है तो उसकी स्किन और शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लीडिंग स्पॉट पड़ने लगते हैं और ब्लड प्लाज्मा से रिसाव होने लगता है. गंभीर डेंगू बुखार से फेफड़े, लीवर या दिल को नुकसान पहुंचता है. मरीज अचेत अवस्था में पहुंच जाता है. कभी-कभी ब्लड प्रेशर अचानक खतरनाक स्तर पर नीचे चला जाता है कि जिससे मरीज को शॉक लग जाता है और कुछ मामलों में इससे मौत भी हो सकती है. जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी हो उनमें गंभीर डेंगू होने का खतरा ज्यादा होता है. 

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