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'ये गोरखपुर वाले जानें...', हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के चबूतरे को तोड़ने पर बोले डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य

इस घटना पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'अब तक भाजपा का बुलडोजर दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे यूपी के पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है.'

Keshav Prasad Maurya (File Photo) Keshav Prasad Maurya (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST

यूपी के गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को तोड़े जाने के मामले पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी प्रतिक्रिया दी है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब उनसे इससे संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'ये गोरखपुर वाले जानें यार. ये सरकार का मामला नहीं है.' बता दें कि चबूतरे को तोड़े जाने को लेकर सपा समेत कई विपक्षी दल योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

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अखिलेश ने भी साधा था निशाना

इस घटना पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'अब तक भाजपा का बुलडोजर दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है. प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके.'

शिवपाल ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा 

बता दें कि इस मामले को शिवपाल यादव ने विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा था कि हरिशंकर तिवारी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं. इस मामले में समाजवादी पार्टी जांच की मांग करती है. वहीं, जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी ने भी फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी थी. जिसमें उन्होंने लिखा, 'यह राजनैतिक अराजकता है .. प्रशासनिक गुंडई है ..या सत्ता का अहंकार .. नीचता निकृष्टता की पराकाष्ठा या व्यक्तिगत शत्रुता.. ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती या समूची इंसानियत की हत्या .. यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है !'

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अब जानें क्या है मामला

दरअसल, हरिशंकर तिवारी के जन्म दिन पर उनके पैतृक गांव टांडा में उनकी प्रतिमा लगाने के लिए एक चबूतरे का निर्माण हुआ था. जिसे पुलिस ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था. इसको लेकर ग्रामीणों का तर्क है कि प्रतिमा के लिए इजाजत ली गई थी, जबकि प्रशासन का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली थी कि ये सरकारी जमीन पर बनाया जा रहा है जिसके लिए इजाजत नहीं ली गई है. हरिशंकर तिवारी गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से 7 बार विधायक रहे थे. वह कई बार राज्य सरकार में मंत्री भी रहे. पिछले साल हरिशंकर तिवारी का निधन हो गया था.

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