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...वो हत्याकांड जिसपर महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे नप गए, जानिए सरपंच संतोष देशमुख का पूरा मामला

सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में नाम आने और करीबी सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे ने इस्तीफा दे दिया. इस मामले में उनके करीबी वाल्मिक कराड को मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसके चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे इस्तीफा ले लिया है.

धनंजय मुंडे. (Photo: x.com/dhananjay_munde) धनंजय मुंडे. (Photo: x.com/dhananjay_munde)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका नाम सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़े मामले में सामने आ रहा था. इस हत्याकांड में मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. इस मामले में कई और करीबियों की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धनंजय मुंडे से इस्तीफा देने को कहा था.  

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कैसे बढ़ा इस्तीफे का दबाव?  

धनंजय मुंडे के इस्तीफे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया, 'धनंजय मुंडे ने मुझे अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे राज्यपाल के पास भेज दिया गया है.' हालांकि, स्वास्थ्य समस्याओं को इस्तीफे का कारण बताया गया है. इससे पहले सीएम ने NCP नेता एवं डिप्टी सीएम अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल को पत्र लिखकर साफ कर दिया था कि मुंडे को मंत्री पद छोड़ना होगा.  

संतोष देशमुख हत्याकांड मामले की जांच के दौरान चार्जशीट का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वाल्मिक कराड के साथियों को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या करते हुए दिखाया गया था. यही तस्वीरें इस्तीफे के दबाव की बड़ी वजह बनीं. 

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने इस्तीफा दिया, सरपंच संतोष देशमुख मर्डर में करीबी पर लगे थे आरोप

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क्या है पूरा मामला?  

घटना 9 दिसंबर 2024 की है. कराड ने बीड में मौजूद एक रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी Avaada के भूमि अधिग्रहण अधिकारी से ₹2 करोड़ की फिरौती मांगी थी. जिसके बाद बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख जबरन वसूली की एक कोशिश को रोक रहे थे. सरपंच संतोष देशमुख ने कराड और उसके सहयोगियों को कंपनी से जबरन वसूली करने से रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने उनकी हत्या की साजिश रची. इसके बाद उन्हें अगवा कर लिया गया, प्रताड़ित किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई.  

राज्य अपराध जांच विभाग (CID) ने 27 फरवरी को अदालत में 1,200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में वाल्मिक कराड को आरोपी नंबर एक बताया गया है. चार्जशीट में चौंकाने वाली तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए, जिसमें आरोपियों को संतोष देशमुख को लोहे की रॉड, डंडों और लोहे की जंजीरों से पीटते हुए देखा गया. आरोपियों ने देशमुख को वाहन से बांधकर घसीटा. जब वह मरने की कगार पर थे, तो उन्होंने पानी मांगा, लेकिन आरोपियों ने उनके चेहरे पर पेशाब कर दिया.  

एसआईटी द्वारा अदालत में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक वाल्मीक कराड बीड सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मास्टरमाइंड था. एसआईटी ने अदालत के समक्ष सबूत के तौर पर आरोपियों से बरामद फोन कॉल की रिकॉर्डिंग और फोरेंसिक लैब द्वारा प्रमाणित सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत किए हैं. 

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क्यों मचा हंगामा?  

इससे पहले चार्जशीट का एक हिस्सा 3 मार्च को मीडिया में वायरल हो गया, जिसमें वाल्मीक कराड के साथियों द्वारा संतोष देशमुख की हत्या करने की तस्वीरें दिखाई गईं. इन तस्वीरों और वीडियो के सामने आने के बाद महाराष्ट्र में भारी विरोध शुरू हो गया. मराठा संगठनों ने बीड जिले में बंद का आह्वान किया. जनाक्रोश बढ़ने पर धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज हो गई. 

जिसके बाद जनता की प्रतिक्रिया को भांपते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, राकांपा महाराष्ट्र प्रमुख सुनील तटकरे, धनजय मुंडे और भाजपा राज्य प्रमुख और राजस्व मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की.

सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश और फर्म के सुरक्षा गार्ड पर हमले जैसे तीन मामलों में आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) लगाया गया है. इस मामले में अब तक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है.  

यह भी पढ़ें: सरपंच हत्याकांड: बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, धनंजय मुंडे के खिलाफ ईडी जांच की मांग

कौन हैं धनंजय मुंडे?  

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धनंजय मुंडे महाराष्ट्र के वरिष्ठ राजनेता हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता हैं. वे बीड जिले के परली विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस्तीफा देने से पहले तक वे महाराष्ट्र सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे. साथ ही वो बीड जिले के संरक्षक मंत्री भी रहे हैं. 

मुंडे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के करीबी माने जाते हैं. वे पूर्व उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं और अपनी राजनीतिक सक्रियता के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं. सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में नाम आने और लगातार बढ़ते दबाव के चलते आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

पहली पत्नी का दावा- पहले ही ले लिया गया था इस्तीफा  

धनंजय मुंडे की पहली पत्नी करुणा शर्मा ने पहले ही दावा कर दिया था कि वह बजट सत्र से पहले इस्तीफा देंगे. उन्होंने कहा था, 'मैं 5 मार्च से उनके खिलाफ अनशन करने वाली थी, लेकिन पता चला कि अजित पवार ने पहले ही उनसे जबरन इस्तीफा लिखवा लिया है.'  करुणा शर्मा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर भी लिखा था कि '3 मार्च 2025 को इस्तीफा होगा.' हालांकि, मुंडे ने 4 मार्च को अपना इस्तीफा दिया.

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