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चीनी ग्रुप ने किया भारत सरकार के सीक्रेट दस्तावेज हैक करने का दावा, एयर इंडिया और रिलायंस भी थे निशाने पर

भारत के अलावा चीन की टारगेट लिस्ट में उसका सदाबहार दोस्त पाकिस्तान भी है. इसके अन्य टारगेट में नेपाल, म्यांमार, मंगोलिया, मलेशिया, अफगानिस्तान, फ्रांस, थाईलैंड, कजाकिस्तान, तुर्किये, कंबोडिया और फिलीपींस शामिल हैं. लीक डेटा के मुताबिक चीन के हैकर ग्रुप ने मई 2021 से जनवरी 2022 के बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी केंद्र के 1.43जीबी पोस्टल सर्विस डेटा तक पहुंच बनाई. 

चीनी ग्रुप ने भारतीय विभागों और बिजनेस संस्थानों की हैकिंग का दावा किया है चीनी ग्रुप ने भारतीय विभागों और बिजनेस संस्थानों की हैकिंग का दावा किया है
शुभम तिवारी/बिदिशा साहा
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:16 PM IST

चीन के एक हैकर ग्रुप ने भारत सरकार से जुड़े अहम विभागों के दस्तावेजों को हैक करने का दावा किया है. इनमें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज और एयर इंडिया जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. इंडिया टुडे की Open-Source Intelligence (OSINT) team ने लीक हुए डेटा की समीक्षा की है.

क्या है isoon लीक?

चीन सरकार से जुड़े हुए हैकिंग ग्रुप iSoon ने हाल ही में हजारों दस्तावेज, तस्वीरें और चैट मैसेज गिटहब पर पोस्ट किए. इस हैकिंग ग्रुप के दो कर्मचारियों ने एपी को बताया कि iSoon और चीन पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि आखिर ये फाइलें लीक कैसे हुईं. एक कर्मचारी ने बताया कि इस लीक मामले को लेकर 21 फरवरी को iSoon की एक मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में बताया गया था कि इस घटनाक्रम से बिजनेस पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा और कामकाज सामान्य तरीके से जारी रहेगा.

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लीक डॉक्यूमेंट्स का ट्रांसलेटेड वर्जन आया सामने

लीक हुए इंटर्नल डॉक्यूमेंट्स मूल रूप से मंदारिन भाषा में हैं. इससे हैकर्स की मड्स ऑपरेंडी और टारगेट का पता चलता है. हैकर्स के निशाने पर नाटो से लेकर यूरोपीय सरकारें और पाकिस्तान जैसे चीन के सहयोगी के निजी संस्थान भी शामिल थे. हालांकि, इन लीक डॉक्यूमेंट्स में साइबर जासूसी ऑपरेशन के टारगेट का भी जिक्र है. लेकिन इंडिया टुडे को इन लीक हुए डॉक्यूमेंट्स में चोरी किए डेटा के सैंपल्स नहीं मिले. हालांकि, हैकिंग में व्यक्तिगत तौर पर किन लोगों को टारगेट किया गया है, इसका पता नहीं चलता.

भारत में क्या-क्या निशाने पर?

लीक डेटा से पता चला है कि वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और 'प्रेजिडेंशियल मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर'  जैसे विभाग टारगेट पर थे. इससे संभवत: मतलब गृह मंत्रालय से है. 

मई 2021 से अक्टूबर 2021 के बीच भारत और चीन सीमा पर तनाव चरम पर होने के दौरान 'प्रेजिडेंशियल मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर' के विभिन्न कार्यालयों से जुड़ा 5.49जीबी डेटा हैकर ग्रुप के हाथ लगा. 

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EPFO, BSNL भी हैं टारगेट लिस्ट में

iSoon की ओर से तैयार की गई आंतरिक रिपोर्ट में भारत से जुड़े हुए हिस्से के अनुवाद से पता चलता है कि भारत में हैकर ग्रुप का मुख्य टारगेट विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित विभाग हैं. हम और भी गहराई से इसकी खोजबीन कर रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी पेंशन फंड मैनेजर, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), सरकारी टेलीफोन ऑपरेटर भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), निजी हेल्थकेयर अपोलो हॉस्पिटल्स के डेटा में कथित तौर पर  सेंधमारी की गई है. एयर इंडिया के लीक डेटा यात्रियों के रोजाना के चेक-इन की जानकारियों से जुड़ा हुआ है. 

इमिग्रेशन डिटेल्स भी हुईं लीक

लीक हुए दस्तावेज़ों में 2020 से भारत के लगभग 95GB इमिग्रेशन डिटेल्स, जिसे "एंट्री और एग्जिट पॉइंट डेटा" के तौर पर शामिल किया गया है. खास तौर पर तब से जब 2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव देखा गया था. 

गिटहब लीक को सबसे पहले उजागर करने वाले ताइवान के शोधकर्ता अजाका ने इंडिया टुडे को बताया कि भारत हमेशा से चीन APT के केंद्र में रहा है. लीक हुए डेटा में अपोलो हॉस्पिटल सहित भारत के कुछ संगठन, 2020 में भारत आ रहे और जा रहे लोग, पीएमओ और जनसंख्या रिकॉर्ड शामिल हैं. 

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गूगल क्लाउड के स्वामित्व वाले मेंडिएंट इंटेलिजेंस के चीफ एनालिस्ट जॉन हल्टक्विस्ट का कहना है कि वैश्विक और चीन के साइबर जासूसी ऑपरेशन से जुड़े हैकर्स का ये ऑथेंटिक डेटा है. हमें बहुत मुश्किल से किसी भी तरह के इंटेलिजेंस ऑपरेशन के अंदरूनी कामकाज तक पहुंच मिलती है. 

दोस्त से दुश्मन तक सब चीन के निशाने पर

भारत के अलावा चीन की टारगेट लिस्ट में उसका सदाबहार दोस्त पाकिस्तान भी है. इसके अन्य टारगेट में नेपाल, म्यांमार, मंगोलिया, मलेशिया, अफगानिस्तान, फ्रांस, थाईलैंड, कजाकिस्तान, तुर्किये, कंबोडिया और फिलीपींस शामिल हैं. लीक डेटा के मुताबिक चीन के हैकर ग्रुप ने मई 2021 से जनवरी 2022 के बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी केंद्र के 1.43जीबी पोस्टल सर्विस डेटा तक पहुंच बनाई. 

चीन कई सालों से सेंधमारी में जुटा

अमेरिका ने हाल ही में एक व्यापक चीनी हैकिंग ऑपरेशन से लड़ने के लिए एक ऑपरेशन शुरू किया, जिसने हजारों इंटरनेट से जुड़े उपकरणों से समझौता किया.

नेपाल टेलीकॉम, मंगोलिया की संसद और पुलिस विभाग, फ्रांस यूनिवर्सिटी और कजाकिस्तान की पेंशन अथॉरिटी का कथित तौर पर बड़े डेटा में सेंधमारी की गई है. हैकर्स ने कथित तौर पर तिब्बत की निर्वासित सरकार और उसके ऑफिशियल सिस्टम और डोमेन तक सेंधमारी की. कई सालों तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैकर ग्रुप मस्टैंग पांडा या APT41 अमेरिका सहित कई देशों और उनके संगठनों में सेंधमारी करने का प्रयास कर रहे हैं. अमेरिका ने हाल ही में चीन के हैकिंग ऑपरेशन का मुकाबला करने के लिए एक ऑपरेशन शुरू किया था.

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पहली बार नहीं है चीन का साइबर हमला

ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत में साइबर हमलों के लिए चीन सुर्खियों में है. 2022 में चीन से जुड़े हैकर्स ने कथित तौर पर भारत के सात पावर हब को निशाना बनाया था. 2021 में भी हैकर्स ने भारत के पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर में सेंधमारी की कोशिश की थी.

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