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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (digital personal data protection bill) का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. इसके तहत सरकार ने लोगों के निजी डेटा का इस्तेमाल करने पर कंपनियों पर पेनल्टी की राशि बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये तक कर दी है.
लोगों के सभी तरह के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ये बिल लेकर आई है. बिना कंज्यूमर की मर्जी के डेटा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. कंपनियों को हर डिजिटल नागरिक को साफ और आसान भाषा में सभी जानकारी देगी. ग्राहक कभी भी अपनी सहमति को वापस ले सकता है. इसके साथ ही डेटा के गलत इस्तेमाल पर 250 करोड़ रुपये तक की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है.
इससे पहले भी सरकार संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लेकर आई थी. सरकार की ओर से बताया गया था कि 11 दिसंबर 2019 को विधेयक को पेश किया गया था. इसके बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया था. जेसीपी की रिपोर्ट दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश की गई थी. विपक्ष की आपत्तियों के बाद सरकार ने इसे लोकसभा से वापस ले लिया था और कहा था कि कानूनी विचार विमर्श के बाद इसे पेश किया जाएगा. सरकार के मुताबिक, इसमें 81 संसोधन प्रस्तावित किए गए और 12 सिफारिशें की गईं.
संसद के अगले सत्र में पेश हो सकता है बिल
सरकार ड्राफ्ट जारी करके अब सभी पक्षों की राय लेगी. ड्राफ्ट को संसद के अगले सत्र में पेश किया जा सकता है. सरकार का मकसद इसके जरिए व्यक्ति के निजी डेटा की सुरक्षा करना, भारत के बाहर डेटा ट्रांसफर करने पर नजर रखना और किसी तरह के डेटा से जुड़ा उल्लंघन होने पर जुर्माने का प्रावधान करना है.